तोड़ी जाएगी हफ्ते भर पहले बनी सड़क
संवाद सूत्र, आदित्यपुर : नगर निगम ने आदित्यपुर आवासीय कॉलोनी दो में रोड़ नंबर चार से ट्रांसपोर्ट
संवाद सूत्र, आदित्यपुर : नगर निगम ने आदित्यपुर आवासीय कॉलोनी दो में रोड़ नंबर चार से ट्रांसपोर्ट कॉलोनी के बीच बन रही मुख्य सड़क के उस हिस्से को तोड़ने का आदेश दिया गया है, जिसका निर्माण गत एक सप्ताह के दौरान हुआ है। इस डेढ़ सौ फीट लंबे हिस्से का निर्माण फिर से सभी मानकों का पालन करते हुए होगा। यह आदेश निगम के कार्यपालक अधिकारी (ईओ) दीपक सहाय ने जांच टीम की रिपोर्ट पर शनिवार को दिया। साथ ही ठेकेदार को भविष्य में दोबारा गड़बड़ी मिलने पर काली सूची में डालने की चेतावनी दी गई। जबकि दुर्व्यवहार मामले में पीड़ित जूनियर इंजीनियर (जेई) उपेन्द्र ठाकुर को ठेकेदार श्याम सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया है।
इससे पहले शनिवार को 1 करोड़ 72 लाख की लागत से बन रही सड़क की गुणवत्ता और जेई के साथ दुर्व्यवहार की जांच के लिए गठित टीम ने ईओ को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में टीम ने 150 फीट नव निर्मित हिस्से के निर्माण में बरती गई लापरवाही और तकनीकी चूक का बिंदुवार जिक्र किया है। वहीं जेई दुर्व्यवहार का कोई चश्मदीद गवाह नहीं मिलने की बात कही। जांच टीम में सहायक अभियंता बिनोद कुमार, कनीय अभियंता गोपीनाथ डे के अलावा एक अन्य कनीय अभियंता शामिल थे।
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टीम को नहीं मिला दुर्व्यवहार का गवाह : ईओ दीपक सहाय ने बताया कि जेई ने ठेकेदार पर दुर्व्यवहार का आरोप लगया था। यही आरोप ठेकेदार ने जेई पर लगाया था। दोनों ने ही लिखित आवेदन दिया था। टीम ने मौके पर जाकर दुर्व्यवहार के चश्मदीद गवाह की तलाश की, लेकिन कोई भी गवाह नहीं मिला। टीम दुर्व्यवहार के मामले में स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी, इसलिए जेई को व्यक्तिगत तौर पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।
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निगम कराए प्राथमिकी : पीड़ित कनीय अभियंता उपेंद्र ठाकुर ने कहा कि उन्होंने ईओ को चार पन्ने का शिकायत पत्र दिया गया हे। जिसमें निर्माण में गड़बड़ियों के साथ ठेकेदार द्वारा जान से मारने की धमकी एवं जाति सूचक गाली देने की बात का जिक्र था। उस आवेदन पर गवाह के रूप में दस स्थानीय लोगों के हस्ताक्षर भी है। जेई ने कहा कि अब ठेकेदार पर कानूनी कार्रवाई की जिम्मेदारी निगम की है। डिप्लोमा अभियंता संघ ने दी चेतावनी : डिप्लोमा अभियंता संघ ने पीड़ित जेई को प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश का विरोध किया है। संघ ने कहा कि ईओ ठेकेदार पर दुर्व्यवहार में प्राथमिकी दर्ज कराएं, नहीं तो आंदोलन होगा। काफी रसूख वाला है ठेकेदार : ठेकेदार श्याम सिंह काफी रसूख वाला है। उसकी पैठ भाजपा के साथ-साथ झारखंड सचिवालय तक है। बताया जा रहा है कि वह अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए ईओ पर दबाव बना रहा है। आपत्ति पर सोया रहा निगम : इस योजना के पहले चरण में नाली का निर्माण कराया गया था। जिसमें गुणवत्ता और मानक को ताक पर रखे जाने की शिकायत मेयर, डिप्टी मेयर और ईओ से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की थी, लेकिन किसी भी स्तर पर इस पर ध्यान नहीं दिया गया। पूरा निगम महकमा कुंभकर्णी निंद्रा में सोया रहा।
क्या-क्या गड़बड़ी
- नाली कई जगह पर अधूरी मिली
- बिना पुरानी सड़क का ऊपरी सतह तोड़े प्लास्टिक बिछाकर कंक्रीट की ढलाई की गई
- ड्राई लीन कंक्रीट (डीएलसी) की ढलाई के बाद उस कंप्रेस्ड (मशीन से कंक्रीट के अंदर की हवा निकालने की प्रक्रिया) नहीं किया गया।
- कंक्रीट की मजबूतीकरण के लिए पटवन (पानी डालने की प्रक्रिया) सही ढंग से नहीं किया गया।