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स्टील स्ट्रीप्स कंपनी में मजदूरों को दी जा रही कम मजदूरी

विधानसभा याचिका समिति की टीम स्टींल स्ट्रीप्स कंपनी का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 07:40 PM (IST)
स्टील स्ट्रीप्स कंपनी में मजदूरों को दी जा रही कम मजदूरी
स्टील स्ट्रीप्स कंपनी में मजदूरों को दी जा रही कम मजदूरी

जागरण संवाददाता, सरायेकला : विधानसभा याचिका समिति के अध्यक्ष मेनका सरदार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने शनिवार को सरायेकला के मुड़िया स्थित स्टील स्ट्रीप्स कंपनी का निरीक्षण किया। टीम ने कंपनी प्रबंधन के साथ बैठक कर कंपनी के कार्यो की जानकारी ली।

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बैठक में प्रबंधन ने बताया कि कंपनी का सीएसआर कार्य ईचागढ़ के उरमाल पंचायत में काम किया जा रहा है, जबकि कंपनी मुड़िया में स्थापित है। इस पर समिति के सदस्य विफर गए। टीम के सदस्य खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि कंपनी मुड़िया में चलेगी और सीएसआर कार्य ईचागढ में होगी। यह समझ से परे है। उन्होंने प्रबंधन को निर्देश देते हुए कहा कि कंपनी से आठ किमी के प्रभावित क्षेत्र में ही कंपनी को सीएसआर का काम करना चाहिए ताकि स्थानीय लोगों व रैयतदारों को लाभ मिल सके। टीम के अध्यक्ष मेनका सरदार व सदस्यों ने कंपनी प्रबंधन से कहा कि कंपनी का शत फीसद लाभ स्थानीय लोगों को मिलनी चाहिए। श्रमिकों ने बताया कि कुशल मजदूरों को मजदूरी 285 रुपये मिलते हैं, जबकि न्यूनतम मजदूरी 417 रुपया है। टीम ने कंपनी प्रबंधन को सरकारी दर पर मजदूरी देने का निर्देश दिया।

हॉस्टल निर्माण में अनियमितताएं, होगी उच्चस्तरीय जांच

सरायकेला शहरी क्षेत्र में निर्माणाधीन एएनएम प्रशिक्षण केंद्र सह हॉस्टल भवन के निरीक्षण में टीम ने पाया कि भवन निर्माण में काफी अनियमितताएं बरती गई हैं। पुराने भवन के ईंट व छड़ से नए भवन को खड़ा किया गया है। भवन निर्माण में अनियमितता पर समिति के सभापति विधायक मेनका सरदार ने मामले पर रिपोर्ट कर उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराने की बात कही। याचिका समिति ने निरीक्षण में पाया कि भवन निर्माण का शिलान्यास वर्ष 2012 में किया गया था। इसे दो साल के अंदर पूरा करना था परंतु छह साल बीत जाने के बावजूद अभी तक भवन पूरा नहीं हुआ है। इस कारण भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। टीम ने पाया कि जिस स्थल पर नया भवन बनाया गया है वहां पहले से ही पुराना भवन था उसे तोड़कर नया भवन बनाया गया है। उक्त भवन में पुराने भवन के ईंट व छड़ को लगा दिया गया है। इससे भवन की गुणवत्ता काफी खराब है। टीम ने देखा कि भवन की दीवार फटने लगी है। टीम ने मौके से उपायुक्त को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी। टीम ने बताया कि भवन निर्माण की जांच विशेष जांच समिति से कराने के लिए आग्रह किया जाएगा। साथ ही ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कराने की मांग की जाएगी।

समिति ने ईई को लगाई फटकार

टीम ने भवन निर्माण विभाग के ईई मनोज महाली से भवन का नक्शा व प्राक्कलन राशि दिखाने की मांग तो उन्होंने कहा कि मेरे पास नक्शा और प्राक्कलित राशि नहीं है। तभी टीम के सदस्य विफर गए और कहा कि आप क्या काम करते हो। ईई ने बताया कि भवन निर्माण निगम द्वारा किया जा रहा था। पिछले अप्रैल माह में भवन निर्माण विभाग को कार्य मिला लेकिन अब तक कार्य के लिए भवन का नक्शा व प्राक्कलन राशि नहीं मिली है। इसके लिए काम शुरू भी नहीं किया जा सका है। भवन निर्माण बांग्ला ईंट से किया जा रहा है। मौके पर खरसावां विधायक दशरथ गागराई, मनोनीत विधायक जेजे गॉल्सेटन व विधायक प्रतिनिधि रामामूर्ति समेत अन्य उपस्थित थे।

पांच मामलों का निष्पादन

विधानसभा की याचिका समिति ने परिसदन में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद सभापति मेनका सरदार ने बताया कि समिति के समक्ष पांच मामले आए थे। उसमें एक मामले का निष्पादन किया गया है बाकी मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की भी समीक्षा की गई और कार्य प्रगति की जानकारी हासिल की गई। जिन विभागों में कार्य प्रगति धीमा पाया गया है उसमें तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।


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