निमाइडीह में हाथियों ने तोड़े छह घर, खाए 35 क्विंटल धान
जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला वन प्रक्षेत्र के विभिन्न गांवों में हाथियों का तांडव जार
जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला वन प्रक्षेत्र के विभिन्न गांवों में हाथियों का तांडव जारी है। हाथियों द्वारा रोज नए-नए गांवों में घुसकर क्षति पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों को हाथियों से बचने और भगाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
गम्हरिया प्रखंड के निमाइडीह गांव में बुधवार रात 18 जंगली हाथियों ने रात को तांडव मचाते हुए छह घर तोड़ दिए। लगभग 35 क्विंटल धान खा गया। रात को बारह बजे के लगभग हाथियों का झुंड निमाईडीह गांव में घुस गया। पहले मुटुक सरदार का घर तोड़ दिया और पांच क्विंटल धान खा गया। मुटुक सरदार परिवार के साथ घर में सोए थे। मुटुक सरदार किसी तरह जान बचाकर परिवार के साथ भागने में सफल रहे। वे पूरी तरह बेघर हो गए हैं। इसके बाद हाथियों ने डोमन ¨सह सरदार का मकान तोड़ दिया। घर में रखे चार क्विंटल धान खा गए। हाथियों ने सनातन सरदार के घर को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। घर में रखे दस क्विंटल धान खाकर घर के सारे सामान को तहस-नहस कर दिया। अब इनको सर छिपाने के लिए भी कोई ठिकाना नहीं बचा है।
हाथी ने मजनू ¨सह सरदार का मकान ध्वस्त करते हुए पंद्रह क्विंटल धान खा गए। इसी तरह गोपाल सिंह सरदार का घर तोड़कर हाथियों ने पांच क्विंटल धान खा गए। इसके अलावे मेघनाथ सिंह सरदार का मकान तोड़कर हाथी ने घर में रखे सात क्विंटल धान खा गए। ग्रामीणों ने अपने स्तर से आग जलाकर एवं ट्रैक्टर की रौशनी से हाथियों को गांव से भगाया नहीं तो और नुकसान हो सकती थी। सूचना पाकर वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचे और प्रभावित लोगों से मिलकर क्षति का आकलन किया। उन्होंने ग्रामीणों को टॉर्च, मशाल जलाने के लिए जला मोबिल, जूट आदि का वितरण किया। रेंजर ने ग्रामीणों को सचेत रहने तथा हाथियों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दी। उन्होंने प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया।