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विद्यालय विलय के विरोध में मतदान नहीं करेंगे ग्रामीण

विद्यालय विलय के नाम पर ग्रामीणों को परेशान कर रही सरकार: ग्राम प्रधान। ग्रामीणों ने कहा, स्कूल म

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 07:08 PM (IST)
विद्यालय विलय के विरोध में मतदान नहीं करेंगे ग्रामीण
विद्यालय विलय के विरोध में मतदान नहीं करेंगे ग्रामीण

विद्यालय विलय के नाम पर ग्रामीणों को परेशान कर रही सरकार: ग्राम प्रधान

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ग्रामीणों ने कहा, स्कूल में सभी सुविधा के बावजूद दूसरे जगह किया विलय 55 छात्र वर्तमान में धातकीडीह विद्यालय में पढ़ रहे थे

16 छात्र केरकेटाडीह विद्यालय में नामांकित जागरण संवाददाता, सरायकेला : गम्हरिया प्रखंड के बड़ाकांकड़ा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय धातकीडीह का निकट के नव प्राथमिक विद्यालय में विलय कर दिया गया है। इसका विरोध शुरू से ही ग्रामीण करते आ रहे हैं। सोमवार को ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि अगर विद्यालय विलय को निरस्त नहीं किया जाता है तो हमलोग मतदान का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने पहले की तरह विद्यालय को चालू कराने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि काफी साल से धातकीडीह में प्राथमिक विद्यालय का संचालन हो रहा था। इसमें कक्षा पांच तक बच्चे पढ़ते थे। वर्तमान में 55 से अधिक बच्चे विद्यालय में पढ़ रहे थे। विद्यालय में 15 साल से दो शिक्षक सुधीर कुमार व सोहन मिश्रा पदस्थापित थे। विद्यालय भवन में सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 323 है। विद्यालय में पांच वर्ग कक्ष, पेयजल, शौचालय एवं किचन शेड सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। विद्यालय विलय प्रक्रिया के तहत धातकीडीह प्राथमिक विद्यालय का विलय निकट के नव प्राथमिक विद्यालय केरकेटीडीह में कर दिया गया जहां मात्र सोलह बच्चे नामांकित हैं। विद्यालय में मात्र दो वर्ग कक्ष हैं। विद्यालय भवन में ही किचन के लिए छोटा सा कमरा है। धातकीडीह के ग्रामीणों ने विद्यालय विलय का विरोध करते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक व उपायुक्त से बच्चों की संख्या देखते हुए विद्यालय विलय निरस्त कर पूर्व की भांति धातकीडीह में ही विद्यालय संचालन करने की गुहार लगाई। ग्रामीणों ने उपायुक्त से गुहार लगाते हुए कहा कि जिस विद्यालय में 55 बच्चे एवं दो सरकारी शिक्षक हैं उसका विलय जहां 15-16 बच्चे हैं उस विद्यालय में किस नियम के तहत किया गया। अगर विलय ही करना था तो नव प्राथमिक विद्यालय केरकेटाडीह का विलय होना चाहिए था। विद्यालय के विलय का विरोध करते हुए ग्रामीण जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन से लेकर सरकार तक गुहार लगाई। परंतु ग्रामीणों की कोशिश बेनतीजा निकला। धातकीडीह प्राथमिक विद्यालय के विलय की नोटिस जारी कर दी गई। विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों का केरकेटा नव प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित कर दिया गया। वहां पहले से ही एक सरकारी शिक्षक पदस्थापित थे। विद्यालय में मध्याह्न भोजन बंद कर दिया गया। रसोइया व संयोजिका को भी केरकेटाडीह विद्यालय में समायोजन किया गया। विद्यालय के सभी कमरे एवं किचन शेड में ताला जड़ दिए गए। शिक्षक एवं रसोइमाता व संयोजिका केरकेटाडीह स्कूल गए परंतु ग्रामीणों ने अपने बच्चों को वहां नहीं भेजा। ग्रामीण अपने स्तर से शिक्षक नियुक्त कर बच्चों को प्राथमिक विद्यालय धातकीडीह के बरामदे में ही पढ़ाने लगे हैं। ग्रामीणों ने ठान लिया कि वे अपने बच्चों को किसी भी परिस्थिति में केरकेटाडीह स्कूल नहीं भेजेंगे। उपायुक्त छवि रंजन ने मामले को गंभीरता से लिया और जिला शिक्षा अधीक्षक को जांच का निर्देश दिया। उपायुक्त के निर्देशानुसार सोमवार को जिला शिक्षा अधीक्षक अलका जायसवाल गांव जाकर ग्रामीणों की उपस्थिति में प्राथमिक विद्यालय धातकीडीह की जांच की। उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों को केरकेटाडीह भेजने को कहा। परंतु ग्रामीणों ने साफ इंकार करते हुए कहा कि वे किसी भी स्थिति में अपने बच्चों को केरकेटाडीह स्कूल नहीं भेजेंगे। दूसरे केंद्र जाकर मतदान भी नहीं करेंगे।

ग्राम प्रधान जोगाय महतो ने बताया कि विद्यालय विलय में सरकारी नियमों का उल्लंघन किया गया है। जिस स्कूल में हर सुविधाओं के साथ 55 बच्चे एवं दो सरकारी शिक्षक पदस्थापित थे उसे वैसे विद्यालय में विलय कर दिया गया जहां मात्र 15 बच्चे नामांकित हैं। ग्राम प्रधान ने कहा कि अगर सरकार विद्यालय विलय को निरस्त करते हुए फिर से धातकीडीह प्राथमिक विद्यालय को शुरू नहीं करती है तो आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा।

मुखिया पति दुलाल सरदार ने कहा कि धातकीडीह स्कूल में सरायकेला विधानसभा क्षेत्र का मतदान संख्या 323 है। मतदान केंद्र को भी केरकेटाडीह में स्थानांतरण किया गया है। इसे लेकर धातकीडीह मतदान केंद्र के मतदाता आने वाले चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। जब मतदान केंद्र ही नहीं रहेगा तो मतदान कहां करेंगे। उन्होंने कहा कि केरकेटाडीह में मात्र दो कमरे हैं। वहां पचास-साठ बच्चों का पठन-पाठन संभव नहीं है।

लालटू गोप ने कहा कि धातकीडीह से केरकेटाडीह का रास्ता नहर के किनारे-किनारे जाता है। इस रास्ते से जाने में बच्चों को खतरा है। इसलिए ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि किसी भी स्थिति में बच्चों को केरकेटाडीह विद्यालय नहीं भेजेंगे।

गांव के बुजुर्ग उपेंद्र महतो ने कहा कि एक ओर जहां सरकार शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत हर बच्चों को शिक्षा का अधिकार देने की घोषणा करती है। वहीं विद्यालय विलय कर धातकीडीह के बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है। जब हमारे बच्चे को अशिक्षा के अंधेरे मे धकेला जा रहा है तो मतदान करने से क्या लाभ होगा। उपायुक्त के निर्देशानुसार प्राथमिक विद्यालय धातकीडीह की जांच की गई। ग्रामीणों से मिलकर जानकारी ली गई कि वे अपने बच्चों को विलय वाले स्कूल में क्यों नहीं भेज रहे हैं। उपायुक्त को जांच प्रतिवेदन सौंपा जाएगा। इसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

अलका जायसवाल

जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक

सरायकेला-खरसावां


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