अनुमंडल कार्यालय स्थानांतरण के विरोध में सरायकेला बंद असरदार
जासं, सरायकेला : अनुमंडल कार्यालय स्थानांतरण के विरोध में शनिवार को सरायकेला में बंद असरदार रहा। स्थानांतरण के विरोध में आक्रोशित नगरवासियों ने एकजुटता दिखाते हुए स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान व ठेला-गुमठी एवं चाय-पान की दुकानें बंद रखीं।
जासं, सरायकेला : अनुमंडल कार्यालय स्थानांतरण के विरोध में शनिवार को सरायकेला में बंद असरदार रहा। स्थानांतरण के विरोध में आक्रोशित नगरवासियों ने एकजुटता दिखाते हुए स्वेच्छा से अपनी-अपनी दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान व ठेला-गुमठी एवं चाय-पान की दुकानें बंद रखीं। नगर में चाय-पान एवं सब्जियों की दुकानें बंद रही। दोपहर एक बजे के बाद कुछ एक दुकानें खुलीं दिखीं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्थानांतरण के विरोध में सरायकेला शहर पूर्ण रूप से बंद रहा। जबकि बैंक, सरकारी कार्यालय अन्य दिनों की तरह खुले रहे और सामान्य रूप से कार्य हुआ। सड़कों पर वाहनों का आवागमन सामान्य रहा और बस स्टैंड में यात्रियों की भीड़ देखी गई। जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों ने पूर्व घोषणा के अनुसार वकील कलमबंद हड़ताल में रहे और न्यायालय से संबंधित कोई काम नहीं किए।
नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब जनता की मांगों की अनदेखी और उनकी आवाज को कुचलने का प्रयास किया गया तब-तब जनांदोलन हुआ है। सरकार और आला अधिकारी को आगाह करते हैं कि अब भी वक्त है सरायकेला वासियों की भावनाओं का सम्मान करें और जर्जर अनुमंडल कार्यालय भवन को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पुराने उपायुक्त कार्यालय या राजबांध स्थित पिछड़ी जाति बालिका छात्रावास में स्थानांतरित किया जाए। प्रशासन पुराने अनुमंडल एवं ट्रेजरी कार्यालय के भवन की भूमि को मिलाकर नया प्रस्तावित अनुमंडल कार्यालय भवन बनाने की विधिवत घोषणा करें अन्यथा यह आंदोलन और उग्र होगा। जिसकी पूरी जवाबदेही, जिम्मेवारी जिला प्रशासन एवं सरकार की होगी। मनोज चौधरी ने बंदी को सफल बनाने के लिए सरायकेला के नागरिक, सभी सामाजिक एवं राजनीतिक संगठन के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। कहा कि विरोध में कलमबंद हड़ताल के लिए मुख्य रूप से जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सभी अधिवक्ता साधुवाद के पात्र हैं। उनके समर्थन से आंदोलन को मजबूती मिली है। बंदी को सफल बनाने में चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष राज बागची, गो¨वद साहू, राजेश भोल, झामुमो के सानंद आचार्य, संगठन सचिव भोलानाथ महंती व नगर अध्यक्ष शंभू आचार्य, लीपू महांती, बड़ाबाबू ¨सहदेव, दिनेश सथुवा, रवि साहु, झारखंड विकास मोर्चा के जिला महासचिव दिलीप शंकर आचार्य, श्यामसुंदर मुखी, मंजर साबान, प्रकाश आचार्य, अधिवक्ता शिव शंकर साहु,वार्ड पार्षद सपन कामिला, रवि साहु ने सक्रिय भूमिका निभाई।
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किसने क्या कहा:-
अनुमंडल कार्यालय का पुराना जर्जर भवन को ध्वस्त कर इसी जगह नश भवन बनाया जा सकता है। तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पुराने अनुमंडल कार्यालय भवन में कार्यालय संचालित किया जाए। इस संबंध में उपायुक्त को पहले की अवगत कराया जा चूका है। व्यवहार न्यालय के सामने ही अनुमंडल कार्यालय होना चाहिए। शहर से दूर अनुमंडल कार्यालय ले जाने से अधिवक्ता एवं आम जनता को परेशानी होगी।
देवाशीष ज्योतिषि
सचिव, जिला बार एसोसिएशन, सरायकेला-खरसावां।
सरायकेला नगर के बाहर अनुमंडल कार्यालय के जाने से सरायकेला के लोगों को कई तरह की परेशानी होगी। अनुमंडल कार्यालय के आसपास लगाए जा रहे गुमठी एवं ठेले के दुकानदार बेरोजगार होंगे। जो छोटी-छोटी दुकानें लगाकर परिवार चला रहे हैं।
प्रेम चंद्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, सरायकेला-खरसावां।
अनुमंडल कार्यालय नगर से सात किलोमीटर की दूरी पर ले जाने से लोगों को परेशानी होगी। अनुमंडल कार्यालय में न्यायिक कार्य के लिए लोगों को वकी नहीं मिलेगा। मिलेगा भी तो पैसे अधिक खर्च होगा। जो गरीबों के लिए आर्थिक बोझ होगा। सरकार को चाहिए नगर में ही उपयुक्त जगह पर अनुमंडल कार्यालय के लिए भवन निर्माण किया जाए।
उपेंद्र कुमार ¨सह, व्यवसायी, सरायकेला गैरेज चौक
सरायकेला अनुमंडल कार्यालय के सामने 1991 ट्राई साइकिल में आकर पान एवं फॉर्मा की दुकाल लगाते आ रहे हैं। इसे से जो आमदानी होती है उससे परिवार चलाते हैं। विकांग होने के कारण अन्य कोई काम नहीं कर सकते हैं। अगर अनुमंडल कार्यालय नगर से बाहर चला गया तो बेरोजगर होकर बेसहारा होंगे और भीख मांगने की नौबत आएगी।ट्राई साइकिल से दुकान लेकर सात किलोमीटर नहीं जा सकेंगे।
किशन ¨सह मोदक, दिव्यांग, सरायकेला।