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आंदोलन से निकला रास्ता, पुरानी जगह पर ही बनेगा अनुमंडल कार्यालय भवन Saraikela News

सरायकेला अनुमंडल कार्यालय का नया भवन पुरानी जगह पर ही बनेगा। भवन दूसरी जगह बनाने के फैसले के खिलाफ व्यापक आंदोलन हुए थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 02:13 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 02:13 PM (IST)
आंदोलन से निकला रास्ता, पुरानी जगह पर ही बनेगा अनुमंडल कार्यालय भवन Saraikela News
आंदोलन से निकला रास्ता, पुरानी जगह पर ही बनेगा अनुमंडल कार्यालय भवन Saraikela News

सरायकेला, जासं। आखिरकार आंदोलन रंग लाया। पुरानी जगह पर ही सरायकेला अनुमंडल कार्यालय का भवन बनेगा। भवन निर्माण विभाग ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है।

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नया अनुमंडल कार्यालय भवन का कुल रकवा 77 हजार स्क्वायर फीट होगा जबकि अनुमंडल भवन 12 हजार 878 स्क्वायर फीट का होगा। बिल्डिंग जी प्लस टू होगा और इसके निर्माण पर 9 करोड़ 20 लाख 37 हजार 900 रुपये की लागत आएगी। भवन निर्माण की राशि के निकासी एवं व्‍ययन पदाधिकारी भवन प्रमंडल सरायकेला के कार्यपालक अभियंता होंगे। राशि की निकासी सरायकेला कोषागार से होगी।

हुए थे व्यापक आंदोलन

पुराने जगह की बजाय नई जगह पर अनुमंडल कार्यालय भवन बनाने के फैसले का व्‍यापक विरोध हुआ था। आमरण अनशन तक किए गए थे। मकर संक्रांति के दौरान व्यवसायियों ने दो दिन अपनी दुकानें बंद रखी थी और बार एसोसिएशन ने कलमबंद हड़ताल की थी।

मनोज चौधरी ने थामी थी विरोध की कमान

आम लोगों को होनेवाली दुश्वारियों का हवाला देते हुए विरोध की कमान मनोज चौधरी ने संभाली थी। मनोज अभी सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष हैं। बार एसोसिएशन,समाजसेवी जलेस कवि,शांतनु सतपथी,प्रेम अग्रवाल, मनोरंजन साहू, भोला महंती,राजरूप बागची,अधिवक्ता बीएन रथ, केपी दुबे, केदार अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल,यूके मिश्रा,तापस लायक,प्रकाश आचार्य, दिलीप शंकर आचार्य, सनद आचार्य, प्रदीप चौधरी, ललित चौधरी ,मारवाड़ी महिला समिति सरायकेला,चेंबर ऑफ कॉमर्स चाईबासा की टीम एवं सरायकेला के राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने आंदोलन को धार दिया था।

सरायकेलावासियों के लिए जश्न का मौका : मनोज

मनोज चौधरी कहते हैं कि सरायकेला का स्वर्णिम इतिहास रहा है। सरायकेला की जनता ने देशी रियासतों के राजाओं के शासन, बिहार, बंगाल और उड़ीसा स्टेट का भी शासन देखा है। सरायकेला अनुमंडल भारत के प्राचीन अनुमंडल कार्यालयों में से एक है। यहां का विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य पूरे भारत में एक अलग स्थान रखता है लेकिन एक षडयंत्र के तहत कुछ वर्षों से सरायकेला के कद को को बौना करने का कुप्रयास किया जा रहा था। राजनीतिक कारणों और प्रशासनिक अदूरदर्शिता की वजह से सरायकेला नगर से सभी बड़े कार्यालयों (उपायुक्त कार्यालय/न्यायालय) को शहर से बाहर एकांत में शिफ्ट करा दिया गया ,और उसी कड़ी में 2018 को उपायुक्त के द्वारा सरायकेला अनुमंडल कार्यालय को शहर से बाहर एकांत में शिफ्ट करने का आदेश जारी हुआ। इसका व्‍यापक विरोध हुआ और निर्णय वापस हुआ।

कई संस्थाओं से जुड़े हैं मनोज

मनोज चौधरी समाजसेवा के क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। वे अग्रसेन युवा संघ, मारवाड़ी युवा मंच, मारवाड़ी धर्मशाला, जगन्नाथ सेवा/मेला समिति, चेंबर ऑफ कॉमर्स,श्री कालूराम सेवा ट्रस्ट,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सरायकेला छऊ कलाकार उत्थान समिति, सरायकेला फुटबॉल क्लब एवं कई अन्य संस्थाओं से जुड़े हैं।  


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