दो सड़क दुर्घटनाओं में तीन गंभीर, दो रेफर
जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला मुख्य मार्ग पर अलग-अलग दो सड़क दुर्घटनाओं में तीन राहगीर घायल।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला मुख्य मार्ग पर अलग-अलग दो सड़क दुर्घटनाओं में तीन राहगीर गंभीर रूप से घायल हो गए। उपचार के लिए इन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किया गया है, जबकि एक का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। पहली घटना शनिवार देर रात सरायकेला-चाईबासा मार्ग पर कुड़ी के पास हुई। पश्चिम ¨सहभम के बाकुंड़ गांव के बलराम बिरुवा अपने दोस्त सन्नी उमंग के साथ बाइक से ससुराल जा रहे थे। इस बीच रात साढ़े नौ बजे के लगभग कुड़ी गांव के पास किसी अज्ञात वाहन ने बाइक में ठोकर मार दी। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को सदर अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति देखते हुए दोनों को रेफर कर दिया गया। बलराम बिरुवा फौज में नौकरी करते हैं। छुट्टी में वे अपने घर आए थे। उनकी पत्नी मैयके सरायकेला के विरामचंद्रपुर आईं थी। बलराम बिरुवा अपनी पत्नी को लेने आ रहे थे।
साइकिल सवार घायल
दूसरी घटना सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर रविवार सुबह आठ बजे के लगभग दुगनी व मुड़िया के बीच बैगनबाड़ी गांव के पास हुई। सरायकेला थाना के चंद्रपुर के शेख युनूस मनिहारी सामान का फेरी लगाते हैं। रविवार सुबह प्रतिदिन की तरह शेख युनूस साइकिल से गांव में फेरी लगाने जा रहे थे। बैगनबाड़ी के पास अज्ञात बोलेरो साइकिल को ठोकर मारते हुए फरार हो गया। इसमें युनूस गंभीर रूप से घायल हो गए। उपचार के लिए उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका उपचार चल रहा है। तड़प रहा था घायल, आराम फरमा रहे थे डॉक्टर
सरायकेला सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी बदहाल है कि लोग अस्पताल पहुंचने के बाद भी राहत की आशा नहीं करते हैं। कभी दवा नहीं रहती तो कभी डॉक्टर गायब। ऐसे में लोग बेहतर इलाज के लिए कहां जाएं। रविवार को सरायकेला सदर अस्पताल में घायल मरीज तड़प रहा था और उसे देखने के लिए एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल शेख युनूस को उपचार के लिए उसका बेटा शेख अख्तर सदर अस्पताल पहुंचाया। एंबुलेंस से उतारकर घायल युनूस को आपातकालीन कक्ष की बेड पर लिटाया गया। घायल युनूस दर्द से तड़प रहे थे और इलाज की गुहार लगा रहे थे। लेकिन ड्यूटी में तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ओमप्रकाश केशरी उपाधीक्षक के कार्यालय कक्ष में आराम फरमा रहे थे। उन्हीं की ड्यूटी इमरजेंसी में थी। घायल का बेटा जब डॉ. केशरी को बुलाने गया तो उन्होंने कहा कि चलो हम आ रहे हैं। परंतु काफी देर तक जब वे नहीं आए तो पुलिस के एक जवान उन्हें बुलाने गया। जब डॉक्टर साहब को मीडिया के पहुंचने की भनक लगी तो भागकर आए। लगभग चालीस मिनट के बाद डॉ. केशरी घायल को देखने पहुंचे। दूर से खड़ा होकर उन्होंने घायल को देखा और ड्रेसर के भरोसे छोड़कर बाहर निकल गए। अस्पताल अधीक्षक से बात की तो उन्होंने मामले में जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। आखिर मरीजों पर अत्याचार कब तक ऐसा चलता रहेगा। सदर अस्पताल में हड्डी के डॉक्टर नहीं
सदर अस्पताल में हड्डी रोग के डॉक्टर नहीं हैं। इससे ऑपरेशन व अल्ट्रासाउंड जैसे कई महत्वपूर्ण इलाज पर असर पड़ रहा है। खासतौर पर दुर्घटना के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। सरायकेला टाटा मुख्य मार्ग के बेहतर बन जाने के बाद अभी स्थिति यह है कि रोज तीन से चार सड़क दुर्घटना के शिकार लोग सदर अस्पताल आते हैं। मगर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण दुर्घटना के शिकार लोगों में से अधिकतर को मरहम पट्टी व अन्य चिकित्सकों के माध्यम से मामूली इलाज के बाद जमशेदपुर के एमजीएम या टीएमएच के लिए रेफर कर दिया जाता है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बरियल मार्डी ने कहा कि करीब दो साल से सरायकेला सदर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। ऐसे में खासतौर पर दुर्घटना के मरीजों के इलाज में काफी परेशानी होती है। इनमें से अधिकतर मरीज को रेफर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण सरायकेला सदर अस्पताल रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है। हाल यह है कि यहां 23 चिकित्सकों की जगह केवल 11 चिकित्सक ही पदस्थापित हैं।
कोट:-
इस तरह की शिकायत नहीं होनी चाहिए। इस संबंध में डॉ. ओम प्रकाश केशरी से बात करेंगे तथा सीएस को इसकी सूचना दी जाएगी।
डॉ. बरियल मार्डी
उपाधीक्षक, सदर अस्पताल सरायकेला