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गैर मान्यता प्राप्त 161 निजी विद्यालयों पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, सरायकेला : ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में शिक्षा अधिकार अधिनियम एवं विभागीय नि

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 05:47 PM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 05:47 PM (IST)
गैर मान्यता प्राप्त 161 निजी विद्यालयों पर होगी कार्रवाई
गैर मान्यता प्राप्त 161 निजी विद्यालयों पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, सरायकेला : ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में शिक्षा अधिकार अधिनियम एवं विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। विभागीय लापरवाही एवं उपेक्षित रवैया के कारण प्रत्येक साल कुकुरमुत्ते की तरह प्राइवेट स्कूल खुल रहे हैं। अभिभावकों को आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर आकर्षक पोस्टर लगाकर कर प्रचार-प्रसार किए जाते हैं। अभिभावकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के नाम पर मुंहमांगी रकम वसूली होती है। मोटी रकम लेकर बच्चों का दाखिला किया जाता है।

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इधर सरकारी विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत छह से चौदह वर्ष तक के बच्चे को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति, स्कूल कीट, मुफ्त में पाठ्यक्रम की पुस्तकें, बच्चों को पोशाक से लेकर जूते-मौजे देने की योजनाएं चलाई जा रही है। गुणात्मक शिक्षा देने के लिए समय समय पर शिक्षक-शिक्षिकाओं को मास्टर ट्रेनरों द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है। सरकार के लाख कोशिश के बावजूद अभिभावक सरकारी विद्यालयों को छोड़कर प्राइवेट स्कूल भेजते हैं। लोगों की मानें तो इसका मुख्य कारण सरकार का निजी विद्यालयों पर नियंत्रण नहीं होना है। अधिकांश निजी विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियुक्ति में कोई अहर्ता नहीं है, जबकि सरकारी विद्यालयों में बिना टेट पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होती है। पारा शिक्षकों के लिए भी योग्यता निर्धारित है। शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीइ) एवं विभागीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना स्थापना स्वीकृति एवं गैर मान्यता प्राप्त जिले में 161 विद्यालय धड़ल्ले से संचालन किए जा रहे हैं। यही नहीं बच्चों को यूनिफार्म एवं पुस्तक-कॉपी विद्यालय से ही लेने को मजबूर करते हैं। कई निजी विद्यालयों में बिना अनुमति के छात्रावास खोलकर भेड़ बकरियों की तरह बच्चों को रखे जा रहे हैं। जिले में संचालित इस तरह के आवासीय विद्यालय सरकारी नियमों को चुनौती दे रहे हैं।

सिर्फ 19 विद्यालय मान्यता प्राप्त

जिला शिक्षा अधीक्षक फूलमनी खालखो के अनुसार जिला के 180 निजी विद्यालयों में मात्र 19 विद्यालय मान्यता प्राप्त हैं। 161 विद्यालय बिना मान्यता के ही संचालन करते हुए शिक्षा के नाम पर अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं। उपायुक्त द्वारा बिना मान्यता प्राप्त एवं आरटीई के नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है, परंतु उपायुक्त के आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। उपायुक्त छवि रंजन ने जिला शिक्षा अधीक्षक फूलमनी खालखो को बिना मान्यता प्राप्त जिले के 161 विद्यालयों का निरीक्षण कर जांच करते हुए प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया है ताकि उन विद्यालयों पर कार्रवाई की जा सके।

उपायुक्त ने निर्देश दिया है कि आरटीई नियमों का पालन करने के संबंध में निजी विद्यालयों से शपथ पत्र प्राप्त करें। इसमें स्पष्ट करें कि आरटीई के नियमों का पालन करते हैं एवं बीपीएल कोटा से 25 फीसद बच्चों का नामांकन भी लेते हैं कि नहीं। शपथ पत्र प्राप्त करने के बाद भी विद्यालयों की जांच की जाएगी। जिन विद्यालयों में बीपीएल कोटा से बच्चों का नामांकन नहीं लिया गया हो या री एडमिशन के नाम पर फीस लिया गया है उसपर कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई विद्यालय के प्रबंधन द्वारा गलत शपथ पत्र दिया गया है तो उस विद्यालय के प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। उपायुक्त के निर्देश पर जहां शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। वहीं निजी विद्यालयों में हड़कंप मच गई है।

कोट:-

निजी विद्यालयों द्वारा आरटीई नियमों का पालन किया जा रहा है कि नहीं इसकी जांच की जाएगी। साथ ही विद्यालय के मान्यता को लेकर भी जांच की जाएगी। जिले में कुल 180 प्राइवेट स्कूलों में 161 स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। इसमें कुछ विद्यालय के प्रबंधन द्वारा मान्यता के लिए आवेदन दिया है, परंतु आरटीई नियमों के पालन नहीं करने के कारण इन्हें मान्यता नहीं दी जा रही है। आवेदन लंबित पड़े हैं। जांच में अगर गलत मिलता है तो बिना मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को बंद किया जाएगा। नियम पालन नहीं करने वाले विद्यालयों के विरुद्ध नियम संगत कार्रवाई होगी।

फूलमनी खालखो

जिला शिक्षा अधीक्षक

सरायकेला-खरसावां


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