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महिला दिवस पर जंगल की रक्षा करने व पेडों को नहीं काटने देने का लिया संकल्प

कुचाई के घने जंगल व पहाड़ियों से घिरे रायसिंदरी गांव में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के केंद्रीय प्रभारी सोहन लाल कुम्हार व जिला प्रभारी भरत सिंह मुंडा ने किया। महिला दिवस पर उपस्थित महिलाओं ने जंगल की रक्षा करने व पेडों को नहीं काटने देने का संकल्प लिया..

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 06:30 AM (IST)
महिला दिवस पर जंगल की रक्षा करने व पेडों को नहीं काटने देने का लिया संकल्प
महिला दिवस पर जंगल की रक्षा करने व पेडों को नहीं काटने देने का लिया संकल्प

संवाद सूत्र, खरसावां : कुचाई के घने जंगल व पहाड़ियों से घिरे रायसिंदरी गांव में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के केंद्रीय प्रभारी सोहन लाल कुम्हार व जिला प्रभारी भरत सिंह मुंडा ने किया। महिला दिवस पर उपस्थित महिलाओं ने जंगल की रक्षा करने व पेडों को नहीं काटने देने का संकल्प लिया। मौके पर वनाश्रित महिलाओं के सशक्तीकरण, वन प्रबंधन व आजीविका संव‌र्द्धन पर जोर दिया गया। वन संसाधनों के संरक्षण, पुर्नजीवन व प्रबंधन के लिए महिलाएं आएं आगे :

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झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के केंद्रीय प्रभारी सोहन लाल कुम्हार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन पर जानकारी देते हुए कहा कि इसे सार्थक बनाना है। उन्होंने महिलाओं से सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण, पुर्नजीवन व प्रबंधन के लिए आगे आने की अपील की। कहा, ऐसे में वनों का घनत्व बढ़ेगा। वनोपज के जरिये वनाश्रितों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि रायसिदरी के पहाड़ी क्षेत्र के वनाश्रितों के अधिकार के लिए वर्ष 2000 से आंदोलन शुरू किया गया था। अब तक 170 में से 140 वनाश्रितों को वन पट्टा मिल चुका है। कहा, महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक होना होगा। भरत सिंह मुंडा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं काफी सशक्त हैं। उन्हें संवैधानिक अधिकारों की जानकारी देकर और अधिक सशक्त व जागरूक करना होगा। साथ ही सरकार की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ पहुंचाने पर भी बल दिया गया। मौके पर सारदा मुनी मुंडा, पुष्पा मुंडा, लुदरी मुंडा, पुनिता मुंडा, पालो मुंडा, पंचमी मुंडाईन, एतवारी मुंडा, पद्मिनी मुंडा, जयमुनी मुंडा, लखीमुनी मुंडा, सोनामनी मुंडा, मोहरो मुंडा, लीपी मुंडा, कारिदा मुंडा, सोमवारी मुंडा, चैती लोहार, फूलमनी कुमारी, शुरु मुंडाईन, बुधनी लोहारीन, सोमवारी लोहार, चंपा सोय, लाल मुनी मुंडा, सुनिया मुंडा, बुधनी मुंडा आदि उपस्थित थीं।


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