बुरुडीह के रैयतों ने रोका ओवरब्रिज का निर्माण कार्य
कम मुआवजा मिलने से नाराज रैयतों ने बुरुडीह में बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य को रुकवा दिया।
संवाद सूत्र, खरसावां : कम मुआवजा मिलने से नाराज रैयतों ने बुरुडीह में बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य को रुकवा दिया। खरसावां-सरायकेला मुख्य पथ पर बुरुडीह में बन रहे रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य मंगलवार से रुक गया है। रैयतों ने बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना के ही ओवरब्रिज का काम शुरू कर दिया गया। ग्रामीणों को मुआवजा राशि काफी कम दी जा रही है। रैयतों ने बताया कि बाजार भाव के अनुसार मुआवजा की राशि तय होनी चाहिए। रैयतों ने बताया कि सरकार की ओर से प्रति डिसमिल करीब 12 हजार रुपये तय किया गया है। भू-अधिग्रहण नीति के अनुसार इसका चार गुना राशि यानि करीब 48 हजार रुपये प्रति डिसमिल मिलेगी। रैयतों ने कहा कि यह राशि काफी कम है। रैयतों ने बताया कि बुरुडीह मौजा में जमीन का बाजार भाव करीब 60 हजार रुपये डिसमिल है। ऐसे में सरकारी नियम के अनुसार इस राशि के चार गुना यानि 2.40 लाख प्रति डिसमिल रैयतों को मिलना चाहिए। ओवरब्रिज निर्माण में बुरुडीह मौजा के 22 रैयतों से 2.7838 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है।
ओवरब्रिज का निर्माण कार्य रोके जाने के बाद खरसावां सीओ दयानंद जायसवाल, भू-अर्जन पदाधिकारी डॉ. विनय मिश्रा, थाना प्रभारी सनोज चौधरी, कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अविनाश सिंह पहुंचकर मामले की जानकारी ली। अधिकारियों ने रैयतों को समझाने का भरसक प्रयास किया, परंतु रैयत अपनी मांग पर अड़े रहे। मौके पर ग्राम प्रधान नीलकंठ नायक, स्वरुप साहदेव, युधिष्ठिर महतो, अभिजीत साहदेव, दशरथ तांती, जगदीश हेंब्रम, सानो हेंब्रम, कुनु हेंब्रम आदि उपस्थित थे। मालूम हो कि सरायकेला-खरसावां मुख्य मार्ग पर बुरुडीह रेलवे फाटक के पास 43 करोड़ की लागत से रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। एक छोर से काम शुरू कर दिया गया है। दूसरे छोर में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। बुरुडीह के रैयतों के साथ मुआवजे की राशि को लेकर प्रशासन व रैयतों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। प्रशासन की ओर से कुछ रैयतों को बैंक खाते में मुआवजे की राशि भेज दी गई है। बताया गया कि खरसावां अंचल के बुरुडीह, हांसदा व माहलीसाई मौजा में 37 किसानों से 4.5799 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है। इसमें बुरुडीह मौजा में 22 रैयतों से 2.7838 एकड़, हांसदा में 11 रैयतों से 1.60860 एकड़ व माहलीसाई मौजा में चार रैयतों से 0.18750 एकड़ जमीन अधिग्रहण करना है।
सरकारी दर के अनुसार ही मिलेगा मुआवजा : भू अर्जन पदाधिकारी
मौके पर पहुंचे भू-अर्जन पदाधिकारी सह चांडिल एसडीओ डॉ. विनय मिश्रा ने बुरुडीह के रैयतों के साथ बातचीत कर रैयतों को समझाने का काफी प्रयास किया। सरकारी नियमों का हवाला देते हुए बताया कि सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा राशि भुगतान की जा रही है। अधिकांश रैयतों के बैंक खातों में सरकारी प्रावधान के अनुसार राशि हस्तांतरण कर दी गई है। डॉ. मिश्रा ने रैयतों से कहा कि विकास कार्यों में मदद करें। ओवरब्रिज निर्माण से क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी।
--रैयतों को विश्वास में लेकर काम करे प्रशासन : षाड़ंगी
खरसावां से सरायकेला की ओर गुजर रहे राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी व भाजपा जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव भी रुककर रैयत व अधिकारियों से मिले। पूरे मामले की जानकारी ली। अशोक षाड़ंगी ने कहा कि प्रशासन को रैयतों को विश्वास में लेकर काम करना चाहिए। मुआवजे को लेकर जो भी मसला है पहले उसे सुलझा लिया जाए।