65 योजनाओं की नई निनिदा निकाली, मेयर व कार्यपालक आमने-सामने
संवाद सूत्र, आदित्यपुर : आदित्यपुर नगर निगम के विभिन्न वार्डो में विकास योजना के लिए पांच करोड़
संवाद सूत्र, आदित्यपुर : आदित्यपुर नगर निगम के विभिन्न वार्डो में विकास योजना के लिए पांच करोड़ की लागत से 65 योजनाओं की निविदा निकाली गई थी। निविदा में कार्ययोजना जमा नहीं करने को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी ने सभी निविदाओं को रद करते हुए सोमवार को पुन: निविदा निकाली गई। इसे लेकर नगर निगम के मेयर विनोद श्रीवास्तव, डिप्टी मेयर के साथ संवेदक में कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय के प्रति नाराजगी व्याप्त की है।
कार्यपालक पदाधिकारी के रवैये से नाराज मेयर बिनोद कुमार श्रीवास्तव ने यहां तक कह दिया गया कि बाहरी संवेदक को फायदा पहुंचाने की नीयत से ऐसा किया गया। कार्यपालक पदाधिकारी से दिल्ली से लौटने के बाद वे पूरे मामले की जानकारी लेंगे। मेयर ने कहा कि अवधि उल्लेखित कार्ययोजना के लिए संवेदक द्वारा एग्रीमेंट के वक्त दिया जाता है।
दूसरी ओर, इस मामले को संवेंदकों ने मेयर बिनोद कुमार श्रीवास्तव एवं डिप्टी मेयर अमित सिंह से मिलकर मामले से अवगत कराते हुए कहा कि यह पूरी तरह से गलत और नियमों के विरुद्ध है। वहीं निविदा रद होने के कारण संवेदक को लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। इसको लेकर आदित्यपुर संवेदक संघ आंदोलन के मुड में है। इस मामले को लेकर मंगलवार को संवेदकों बैठक बुलाई गई है।
सहाय के कार्यकाल में अबतक नही दिया कार्ययोजना: वही संवदेक विभाष चौधरी ने बताया कि कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय के कार्यकाल में अबतक कार्ययोजना जमा नहीं कराई गई है। एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया है। बताया गया कि संवेदकों ने शिड्यूल दर पर काम करने का निर्णय लिया है। कार्यपालक बाहरी संवेदक को फायदा पहुंचा रहे हैं।
संवेदक की मांग जायज : वहीं डिप्टी मेयर अमित सिंह ने कहा कि संवेदक की मांग जायज है। संवेदक को करीब आठ लाख रुपये का नुकसान हुआ इसकी भरपाई कौन करेगा। इसको लेकर कार्यपालक के आने के बाद बात करके जानेंगे की आखिर समस्या कहा था व क्यो निविदा रद की गई।
बराबर विवादों में रहा निगम : वहीं नगर निगम का कार्यकाल अभी विवादों में रहा है। कुछ दिनों पूर्व आदित्यपुर कॉलोनी में घटिया सड़क निर्माण को संवेदक ने कनीय अभियंता को पीटा था। मामले में कार्यपालक ने विवादित सड़क तोड़ने का आदेश दिया, लेकिन मेयर ने उसको छठ के बाद कुछ जगहों को तोड़ने की बात कही है। जिसमें अबतक कोई काम नहीं हुआ। जबकि प्रथम जांच में एसडीओ ने सड़क निर्माण में गड़बड़ी पाई थी।