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सबसे बुरा हाल बिजली विभाग का : कड़िया मुंडा

जागरण संवाददाता, सरायकेला : अंतर विभागीय समन्वय के अभाव में सरायकेला-खरसावां पिछड़ रहा है

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 05:50 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 05:50 PM (IST)
सबसे बुरा हाल बिजली विभाग का : कड़िया मुंडा
सबसे बुरा हाल बिजली विभाग का : कड़िया मुंडा

जागरण संवाददाता, सरायकेला : अंतर विभागीय समन्वय के अभाव में सरायकेला-खरसावां पिछड़ रहा है। विकास योजनाओं की गति काफी धीमी है। उपायुक्त को चाहिए कि वे विकास कार्यों पर खुद नजर रखें। सबसे बुरा हाल बिजली विभाग का है। यह बातें खूंटी सांसद व दिशा के अध्यक्ष कड़िया मुंडा ने विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक के बाद कहीं। वे परिसदन में मीडिया से बात कर रहे थे।

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पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों की समीक्षा के बाद एक-दो विभाग को छोड़कर किसी विभाग में काम की रफ्तार ठीक नहीं है। कुछ विभाग सुधरे हैं लेकिन सबसे बुरा हाल बिजली विभाग का है। जिस गांव में ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। वहां बिजली आपूर्ति नहीं होती, फिर भी बिल लगातार जाते रहते हैं। इससे पता चलता है कि विभाग में समन्वय का कितना अभाव है। अगर बिल बनाने वाले विभाग को समय पर जानकारी दे दी जाती तो यह समस्या खड़ी नहीं होती।

केंद्रीय योजनाओं में पेटी कांट्रेक्ट ठीक नहीं

सांसद ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं में पेटी कांट्रेक्ट की प्रथा से भी विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता प्रभावित होती है। बड़ी ठेका कंपनी काम लेती है और स्थानीय स्तर पर छोटे ठेकेदारों को दे देती है। बड़ी एजेंसी को कोई मतलब नहीं रहता और ठेकेदार सही तरीके से काम नहीं करते। राज्य सरकार को इसपर ध्यान देनी चाहिए।

कपाली नगर परिषद के एसओ को शो-कॉज

उन्होंने बताया कि कपाली नगर परिषद के विशेष कार्यपालक पदाधिकारी को शो-कॉज का निर्देश दिया गया है। उनकी कार्यशैली ठीक नहीं है। उन्हें अपनी कार्यशैली में सुधार का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा गम्हरिया के बीडीओ पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री आमंत्रण कप फुटबॉल में गम्हरिया प्रखंड की भागीदारी उनकी लापरवाही के कारण नहीं हो पाई थी। उनपर विभागीय कार्रवाई होगी।

क्यू कंस्ट्रक्शन पर एफआइआर दर्ज

सोनाघाटी एक्शन प्लान के तहत कम गुणवत्ता के काम और मजदूरों को कम मजदूरी देने की शिकायत के बाद क्यू कंस्ट्रक्शन पर खरसावां थाने में एफआइआर कराई गई है। इसके साथ ही मजदूरी भुगतान करने और फिर से तोड़कर निर्माण करने को कहा गया है। इसपर अमल भी शुरू हो गया है।


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