मॉडल महिला कॉलेज की छात्राओं ने की तालाबंदी
घंटी आधारित शिक्षकों को पढ़ाने से रोक लगा देने पर मॉडल महिला कॉलेज में पढ़ाई बाधित हो रही है। इस कारण नाराज छात्राओं ने कॉलेज गेट में तालाबंदी कर दी।
संवाद सूत्र, खरसावां : खरसावां के मॉडल महिला कॉलेज में साढ़े तीन साल से पढ़ा रहे घंटी आधारित शिक्षकों को कॉलेज में पढ़ाने पर रोक लगा दी गई है। इसके पीछे घंटी आधारित शिक्षकों को दी जाने वाली राशि के लिए आवंटन नहीं होना बताया गया है। कॉलेज में घंटी आधारित शिक्षक के रूप में पढ़ा रहे शिक्षकों में ओम प्रकाश साहू (राजनीति शास्त्र), मालती कुमारी (इतिहास) व सविता पाल (हिदी) कॉलेज में पढ़ाने पर रोक लगाने के बाद से कॉलेज में पठन-पाठन का काम ठप हो गया है। कॉलेज में पढ़ाई के लिए शिक्षक नहीं हैं। इससे नाराज छात्राओं ने बुधवार को कॉलेज गेट पर ताला जड़ दिया और विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही घंटी आधारित शिक्षकों को पढ़ाने की अनुमति देने की मांग की।
छात्राओं ने कहा कि बगैर किसी नोटिस के ही चारों शिक्षकों का एटेंडेंस बंद कर दिया गया है। साथ ही मौखिक रूप से निर्देश दिया गया कि अब किसी तरह की राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। छात्राओं ने इसका विरोध करते हुए तालाबंदी कर दी। छात्राओं ने इस मामले में कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति को मेल से ज्ञापन भेजा है। भेजे गये ज्ञापन में कहा गया कि बुधवार से कॉलेज में पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है। शिक्षकों से उपस्थिति पंजी ले ली गई है। इस कारण घंटी आधारित शिक्षक कॉलेज में कक्षाओं का संचालन नहीं कर रहे हैं। छात्राओं ने बताया कि पहले से ही कॉलेज का कोर्स काफी पीछे चल रही है। ऐसे में पढ़ाई ठप होने से छात्राओं का भविष्य खराब हो रहा है। छात्राओं ने कॉलेज में घंटी आधारित तीनों शिक्षकों को पढ़ाने की अनुमति देने की मांग की है। बाद में छात्राओं को समझा-बुझा कर गेट का ताला खुलवाया गया। प्रदर्शन करने वाली छात्राओं में सरस्वती प्रधान, निकित पुष्टी, रेणु विषेय, शिशुमनी प्रधान, वर्षा सतपथी, अंबावती कुम्हार, पुष्पा प्रमाणिक, सरस्वती मुर्मू, हेमा महतो, नीलम महतो, सुमन कुमारी, राखी हेंब्रम, मौसमी महतो, संगीता मंजल, शिल्पा महतो आदि शामिल थीं।
क्या कहती हैं कॉलेज की प्राचार्या
कॉलेज में आवंटन (राशि) की कमी है। कॉलेज में घंटी आधारित शिक्षकों को पढ़ाने के एवज में पैसे देने के लिए आवंटन नहीं मिल रहा है। इस कारण पढ़ाने के लिए अनुमति नहीं दी गई है। विश्वविद्यालय प्रबंधन से आवंटन की मांग की गई है। आगे विश्वविद्यालय का जैसा निर्देश आएगा, उसी के अनुरूप काम होगा।
डॉ स्पार्कलीन देई, प्राचार्य महिला कॉलेज, खरसावां।