Move to Jagran APP

आदिवासी छात्रावासों की मरम्मत की घोर उपेक्षा

जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिले के आदिवासी छात्रावासों की स्थिति बदहाल है। इसमें सुधार को ले

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 06:20 PM (IST)
आदिवासी छात्रावासों की मरम्मत की घोर उपेक्षा
आदिवासी छात्रावासों की मरम्मत की घोर उपेक्षा

जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिले के आदिवासी छात्रावासों की स्थिति बदहाल है। इसमें सुधार को लेकर आदिवासी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विशु हेम्ब्रम व अन्य ने बुधवार को राज्यपाल के नाम उपायुक्त छवि रंजन को ज्ञापन सौंपा।

loksabha election banner

ज्ञापन में विशु हेम्ब्रम ने बताया कि जिले के सभी आदिवासी छात्रावासों की स्थिति बदहाल है। इस दिशा में सरकार ने आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की है। प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी इसकी सूध नहीं है। काशी साहू महाविद्यालय का आदिवासी छात्रावास, ¨सहभूम कॉलेज चांडिल, आदिवासी आवासीय बालिका विद्यालय संजय, खरसावां प्लस टू उच्च विद्यालय छात्रावास व एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय राजनगर के छात्रावास की स्थिति बहुत ही दयनीय व बदहाल है। इन छात्रावासों में बरसात में छत से पानी टपकता है। कमरे में कूड़े का अंबार लगा है। कई कमरों के फर्श टूट गए हैं। इसके अलावे कमरे की खिड़किया व दरवाजों की स्थिति भी जर्जर है। छात्रों को हमेशा अपने सामानों की चोरी होने का भय बना रहता है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विशु हेम्ब्रम ने छात्रावास की मरम्मत एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की माग की है।

विशु हेम्ब्रम ने बताया कि इसके विपरीत जिले के सभी सामान्य छात्रावासों की स्थिति चकाचक है, जहां रहने के लिए छात्र नहीं हैं। गरीब आदिवासी छात्र जो पढ़ने के लिए मजबूरन बदहाल छात्रावास में रह रहे हैं उन छात्रावासों की सूधी लेने वाला कोई नहीं है। इससे सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा को पहचाना जा सकता है। विशु हेम्ब्रम ने कहा कि सरकार आदिवासियों के साथ भेदभाव व छलावा कर रही है। इसी का नतीजा है कि राज्य बने 18 वर्ष बीत जाने के बावजूद आदिवासी छात्रावासों का मरम्मति नहीं की गई। आदिवासी छात्रावासों का हाल बदहाल है और सामान्य छात्रावासों चकाचक कर रहे हैं। गरीब आदिवासी छात्रों की सूध लेने आज तक न तो कोई पदाधिकारी पहुंचे हैं और न ही कोई जनप्रतिनिधि। उन्होंने कहा कि आदिवासी छात्रावासों के मरम्मती को लेकर जब तक सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तब तक आदिवासी कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी। मौके पर बिरसा सोय, जीतमोहन मुर्मू, सावित्री कुदादा, बाबूराम कुजूर, मान¨सह पाड़ेया, सुपाई जारिका व खिरोद सरदार समेत कई अन्य उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.