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दवा दुकानदार भी करेंगे टीबी मरीजों की खोज: उपायुक्त

उपायुक्त कार्यालय में मंगलवार को जिला यक्ष्मा मंच की बैठक हुई। इसमें जिले को यक्ष्म मुक्त कैसे किया जाए, विचार विमर्श किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 06:15 PM (IST)
दवा दुकानदार भी करेंगे टीबी मरीजों की खोज: उपायुक्त
दवा दुकानदार भी करेंगे टीबी मरीजों की खोज: उपायुक्त

जागरण संवाददाता, सरायकेला : उपायुक्त कार्यालय में मंगलवार को जिला यक्ष्मा मंच की बैठक हुई। इसमें जिले को यक्ष्मा मुक्त करने के लिए विभिन्न ¨वदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. जूझार माझी ने बताया कि यक्ष्मा मरीजों के उपचार के लिए जिले में एक चार शैय्या वाला डीआर टीबी सेंटर कार्यरत है। जिले में अब तक 2001 यक्ष्मा रोगी चिन्हित किए गए हैं। 2017 में कुल 1835 यक्ष्मा मरीजों का सफल उपचार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों का डॉट्स द्वारा छह माह का उपचार किया जाता है। उपचार के दौरान मरीज को प्रतिमा पांच सौ रुपये तथा अंतिम महीने में सात सौ रुपये का भुगतान किया जाता है। डॉ. माझी ने बताया कि अब तक 1244 यक्ष्मा मरीजों को कुल 2705000 रुपये की राशि भुगतान की गई है। मरीजों को दवा देकर उपचार करने के लिए सहिया को एक हजार रुपये दिए जाते हैं। उपायुक्त ने सभी ¨वदुओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले को यक्ष्मा मुक्त किया जाएगा। उन्होंने घर-घर जाकर मरीजों की खोज करने का अभियान चलाने का निर्देश देते हुए कहा कि जिले के दवा दुकानों को भी इस अभियान में जोड़ा जाएगा। उन्होंने जिले के सभी बड़ी दवा दुकानों के साथ बैठक के लिए तिथि निर्धारित कर दुकानदारों को आमंत्रित करने का निर्देश दिया। बैठक में सीएस डॉ. अमरेंद्र नाथ डे समेत फोरम के सदस्य उपस्थित थे।

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