31617 मजदूरों को मनरेगा का काम मिला
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण जहां बड़े पैमाने पर मजदूर शहरों को छोड़कर वापस अपने-अपने गांव चले गए हैं वहीं राहत की बात ये है कि उन्हें गांवों में मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लाइमेंट गारंटी एक्ट) के तहत काम भी मिल रहा है।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण जहां बड़े पैमाने पर मजदूर शहरों को छोड़कर वापस अपने-अपने गांव चले गए हैं, वहीं राहत की बात ये है कि उन्हें गांवों में मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लाइमेंट गारंटी एक्ट) के तहत काम भी मिल रहा है। इतना ही नहीं मजदूरों को पहले से ज्यादा मजदूरी दी जा रही है। पहले हर मजदूर को एक दिन के काम के लिए 182 रुपये दिए जाते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कुछ समय पहले इसे बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया है। मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है, मगर दो महीने बाद भी बड़ी संख्या में मजदूर काम मिलने की आस लगाए बैठे हैं। लॉकडाउन की अवधि दो माह से अधिक हो चुकी है। करोड़ों लोगों के हाथों से रोजगार छीन गया है। मजदूरों का गांव लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। झारखंड की हेमंत सरकार बाहर फंसे अपने राज्य के मजदूरों को वापस ला रही है। साथ उनके रोजगार की चिता भी सरकार को है। ऐसी स्थिति में झारखंड सरकार के समक्ष लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना बड़ी चुनौती है। बाहर राज्य से लौट रहे प्रवासी मजदूरों को गांव में रोजगार मुहैया कराने के लिए झारखंड सरकार मनरेगा से तीन प्रकार की महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। जिसमें नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना, किसान हरित ग्राम योजना एवं वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना से मजदूरों को रोजगार से जोड़ने की कवायद सरकार कर रही है। प्रवासी एवं गांव के मजदूरों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने को लेकर जिला प्रशासन प्रयासरत है। मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में प्रशासन कार्य योजना तैयार कर चुकी है। जिले में 38905 लोगों ने काम की मांग की है। जिसमें 20 अप्रैल से 26 मई के बीच 31617 मजदूरों को मनरेगा रोजगार मिला है। वहीं बाहर से आए 380 परिवारों के नए कार्ड भी बने हैं। जिले में मनरेगा से 129 योजनाएं चल रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों को शत-प्रतिशत रोजगार से जोड़ने के लिए जॉब कार्ड बनाने के काम में तेजी लाने का प्रखंडों को निर्देश दिया गया है।