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धीरे-धीरे घट रहा चांडिल डैम का जलस्तर, दर्जनों गांव अब भी जलमग्न

असंपादित-धीमी रफ्तार से घट रहा चांडिल डैम का जलस्तर अब भी जलमग्न है दर्जनों गाँव

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2022 04:06 AM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2022 04:06 AM (IST)
धीरे-धीरे घट रहा चांडिल डैम का जलस्तर, दर्जनों गांव अब भी जलमग्न
धीरे-धीरे घट रहा चांडिल डैम का जलस्तर, दर्जनों गांव अब भी जलमग्न

धीरे-धीरे घट रहा चांडिल डैम का जलस्तर, दर्जनों गांव अब भी जलमग्न

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संसू, चांडिल : चांडिल डैम के डुब क्षेत्र में रहने वाले विस्थापितों की मुसीबत अब भी कम नहीं हुआ है। डैम का जलस्तर अब भी 183 मीटर पर स्थित है। सोमवार को सुबह चांडिल डैम का जलस्तर 183.10 मीटर दर्ज किया गया था। चांडिल डैम के आठ रेडियल गेटों को डेढ़-डेढ़ मीटर खोला गया है। रविवार से खुले आठ गेटों से डैम का पानी डिस्चार्ज हो रहा है। चांडिल डैम का पानी नहीं घटने पर ईचागढ़ समेत दर्जनों गांवों के सैकड़ों विस्थापित परिवार अब भी पानी से घिरे हुए हैं। इन गांवों में नाव व ट्यूब ही आवागमन का सहारा बना हुआ है।

आवगमन के लिए बनाया गया रास्ता : करकरी नदी पर बने पुल से पुराना हाई स्कूल तक सीधी जाने वाली सड़क पर आवागम सुचारू करने के लिए सड़क पर मिट्टी व क्रशर डस्ट डाला गया। ईचागढ़ गांव के किनारे से होकर गुजरने वाली इस सड़क पर अस्थायी रूप से आवागमन शुरू होने से ईचागढ के आठ पंचायत के अलावा कुकडू प्रखंड क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी। इस सड़क पर आवागमन शुरू होने से डैम के जल भंडारण का असर वैसे गांवों के लोगों पर नहीं होगा, जहां डैम का पानी नहीं पहुंचता हो। ईचागढ़ गांव के जलमग्न होने से उसके आगे के आठ पंचायत के लोगों का रास्ता अवरूद्ध हो जाता था। इसके साथ ही कुकडू को सीधे ईचागढ प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क चांडिल डैम में पानी बढ़ने के बाद भी सुचारू रहेगी। सड़क पर आवागमन शुरू करने के लिए चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा ने रविवार रात से ही मिट्टी डालवाना शुरू करवाया था। सोमवार शाम तक सड़क को आवागमन के लायक बना दिया गया था।

जिप सदस्य ने किया विभिन्न गांवों का दौरा : डैम के जलस्तर की स्थिति यथावत बने रहने के बीच सोमवार को ईचागढ़ भाग दो के जिला परिषद सदस्य ज्योति लाल माझी ने पानी से डूबे व प्रभावित दर्जनों गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने काड़का टोला बांदडीह, मातकामडीह, लोपसोड़ीह, गाड़ाड़ीह, कारका, बुरूहातु, मैसड़ा, चामदा आदि गांवों का दौरा कर पानी से डूबे व प्रभावित परिवारों से मिलकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने विस्थापितों की जान-माल की सुरक्षा के लिए यथाशीघ्र सरकार व संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सभी मामलों के समाधान करने की मांग करने की बात कही। जिप सदस्य ने कहा कि पत्राचार से अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो जनहित में विस्थापितों के हक अधिकार के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को अगर समय पर न्याय नहीं मिलेगा तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने प्रशासन से सभी प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुंचाने का आग्रह किया, ताकि किसी भी विस्थापित परिवार को जल भंडारण से उत्पन्न स्थिति में परेशानी ना हो। जिप सदस्य ज्योतिलाल माझी ने बताया कि दौरे के क्रम में उन्हें ज्ञात हुआ कि आदिवासी बहुल गांव बांदड़ीह में अबतक एक भी पीएम आवास का निर्माण नहीं हुआ है, जो आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। दौरे के क्रम में उनके साथ सनिक माझी, बुद्धेश्वर किस्कु, श्यामल पाल आदि ग्रामीण मौजूद थे।

बारिश से कांड्रा बांधकुली छोटा तालाब का मेढ़ टूटा, खेत में बह रहा पानी : विगत दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत कांड्रा पंचायत के बांधकुली स्थित छोटा तालाब का मेढ़ टूट गया। इस कारण उक्त तालाब का पानी पास के खेतों में बहकर जा रहा है। इससे किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तालाब का पानी खेतों में जमा होने से उसमें लगा फसल बर्बाद हो रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि विगत कई वर्षों से इस तालाब की सफाई भी नहीं हुई है। इसके गंदे पानी से दुर्गंध भी आ रही है। उन खेतो में गंदा पानी भरने से जय प्रकाश गुप्ता, सूरज कुंभकार, लव किशोर गोराई, रविन्द्र गोराई, छोटेलाल गोराई, लटू गोराई, देबू महतो, बुद्धेश्वर गोराई आदि किसानों की फसलें नष्ट हो रही है।

बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच चलाया गया राहत कार्य : आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में नदी किनारे बसे बाढ़ से प्रभावित परिवारों के बीच टाटा स्टील फाउंडेशन, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स और जुस्को द्वारा सीएसआर कार्यक्रम के तहत राहत कार्य चलाया गया। इस दौरान प्रभावित परिवार के सदस्यों को पानी से बचने और कटे फसलों को बचाने के लिए सापड़ा, गौरी, पुनीशीली, रागबन आदि गांवों और बस्तियों में कुल 120 तिरपाल उपलब्ध कराया गया। साथ ही, टैंकरों से दो हजार लीटर पीने का पानी वितरण किया गया। इसके अलावा लॉयन्स क्लब ऑफ आदित्यपुर ग्रेटर और टाटा स्टील लॉग प्रोडक्ट्स द्वारा संयुक्त रूप से प्रभावित परिवारों के बीच खाद्य सामग्री समेत 40 परिवारों के क्षतिग्रस्त छत के कच्चे घरों से पानी से बचाव के लिए प्लास्टिक तिरपाल दिया गया। इस दौरान पूरे क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी कराया गया और कीट बचाव के लिए ग्रामीणों को गेमेक्सीन पाउडर उपलब्ध कराया गया। राहत कार्य में लायन विम्मी रंजन, लायन रेणु शेखर, लायन अरुणा सिंह, लायन रमिता राजन के अलावा टीएसएलपीएल के सत्यनारायण नन्दा अपनी टीम के साथ सक्रिय रहे।


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