किसानों पर सब्सिडी पर दिए गए हनी बी कालोनी
मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शनिवार को जिले के 10 किसानों के बीच कुल 200 हनी बी कालोनी का वितरण किया गया। सरायकेला प्रखंड नर्सरी में जिला उद्यान विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सरायकेला अनुमंडल अधिकारी रामकृष्ण कुमार ने किसानों के बीच हनी बी कालोनी समेत बीहाप्स व एक्सट्रैक्टर विद कंप्लीट सेट का वितरण किया..
जागरण संवाददाता, सरायकेला : मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शनिवार को जिले के 10 किसानों के बीच कुल 200 हनी बी कालोनी का वितरण किया गया। सरायकेला प्रखंड नर्सरी में जिला उद्यान विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सरायकेला अनुमंडल अधिकारी रामकृष्ण कुमार ने किसानों के बीच हनी बी कालोनी समेत बीहाप्स व एक्सट्रैक्टर विद कंप्लीट सेट का वितरण किया। जिला उद्यान पदाधिकारी ने किसानों को मधुमक्खी पालन के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि किसानों को योजना के तहत 80 फीसद सब्सिडी पर सभी इक्विपमेंट दिए जा रहे हैं। किसान को 18,300 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। सरकार 73,200 रुपये की सब्सिडी दे रही है। मौके पर विभाग के प्रधान लिपिक कमलेश कुमार झा समेत अन्य उपस्थित थे। इटालियन एपीस मेलीफेरा मधुमक्खी का होगा पालन : जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि किसानों को उत्तम क्वालिटी के इटालियन एपीस मेलीफेरा प्रजाति के मधुमक्खी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दो फरवरी से संबंधित किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में तीन दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्पादित मधु के बाजार को लेकर कवायद की जा रही है। विभाग के माध्यम से आमलोगों को प्योर हनी उपलब्ध कराने की तैयारी भी की जा रही है। प्रति माह 35-40 हजार की आमदनी कर सकते हैं किसान
जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया सामान्य दिनों में मधुमक्खी के एक छत्ते से लगभग पांच किलोग्राम मधु प्राप्त किया जा सकता है। एक किसान एक माह में सौ किलो मधु का उत्पादन कर सकता है। साथ ही 35-40 हजार रुपये की आमदनी कर सकता है। जिले में सालों भर खिलने वाले पुटुश व करंज के फूल के साथ मधुमक्खी पालन की अपार व व्यापक संभावनाएं हैं। मधुमक्खी पालन साल के 12 माह किया जा सकता है। परंतु जनवरी से मार्च तक का समय मधुमक्खी पालन के लिए सबसे उपयुक्त है। नवंबर से फरवरी तक का समय मधु के व्यवसाय के दृष्टिकोण से काफी फायदेमंद है।