हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की..
मंगलवार को श्रद्धा व भक्ति के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। खरसावां के राधा-माधव मंदिर (हरि मंदिर) हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में शुक्रवार की देर रात श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया..
संसू, खरसावां : मंगलवार को श्रद्धा व भक्ति के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। खरसावां के राधा-माधव मंदिर (हरि मंदिर), हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में शुक्रवार की देर रात श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। देर रात प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म लेने के साथ मंदिरों में घंटियां बजायी गईं। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की गई। मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप का विशेष श्रृंगार किया गया था। कृष्ण जन्म के बाद बाल गोपाल को दही से स्नान कराया गया। माखन, मधु, दही, मिश्री समेत विभिन्न फलों का भोग लगाया गया। भक्त हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की.. श्री कृष्ण गोविद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवाय..नंद के घर आनंद भायो जय कन्हैया लाल की.. के जय घोष से सभी मंदिर गुंजते रहे। मथुरा व द्वारका की तर्ज पर सरायकेला-खरसावां के विभिन्न मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण को पालकी पर बिठाकर झुलाया गया।
इस वर्ष कोविड-19 के कारण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर खरसावां में किसी प्रकार का अनुष्ठान नहीं किया गया। फिर भी लोग उत्साहित दिखे। मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालुओं के साथ बच्चे भी भगवान श्रीकृष्ण के पहनावे में नजर आए। कई बच्चे भगवान श्रीकृष्ण की तरह साज सज्जा व बांसुरी बजाने की मुद्रा में भी नजर आए। नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की..
सरायकेला समेत आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार की रात श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कृष्ण भक्तों ने उपवास कर घरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का अनुष्ठान किया। कई स्थानों पर पालना भी टांगा गया। मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के साथ शंख ध्वनि व घंटा बजाकर भजन व आरती की गई। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग भी चढ़ाया गया।
सरायकेला प्रखंड के जगन्नाथपुर गांव स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में क्षेत्रीय गौड़ समाज की ओर से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। कोरोना संकट को देखते हुए श्रीकृष्ण भक्तों के बीच शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया।