राजनगर प्रखंड प्रमुख ने गंवाई कुर्सी विरोध में 21 व पक्ष में पांच मत पड़े
राजनगर प्रखंड प्रमुख विशु हेंब्रम ने बुधवार को अपनी कुर्सी गंवा दी।
संवाद सूत्र, राजनगर : राजनगर प्रखंड प्रमुख विशु हेंब्रम ने बुधवार को अपनी कुर्सी गंवा दी। उनके पक्ष में मात्र पांच मत पड़े, जबकि विपक्ष में 21 मत पड़े। प्रमुख विशु हेंब्रम के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों ने 25 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। प्रखंड प्रमुख को जीत के लिए एक तिहाई यानी छह मत लाना था। इस तरह एक मत से प्रखंड प्रमुख ने अपनी कुर्सी गंवा दी। उनकी जगह अब उप प्रमुख विनय सिंहदेव कुर्सी संभालेंगे।
प्रखंड सभागार में बुधवार को अनुमंडलाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी डॉ. बशारत कयूम की अध्यक्षता में प्रखंड प्रमुख विशु हेम्ब्रम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर बैठक हुई। इसमें बीडीओ सह पंचायत समिति के सचिव प्रेमचंद सिन्हा एवं सभी 27 पंचायत समिति सदस्य उपस्थित थे। प्रमुख विशु हेंब्रम के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों ने 25 जुलाई को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर गहन चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित हुआ। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिग प्रक्रिया हुई। इसमें प्रखंड प्रमुख विशु हेम्ब्रम के विरोध में कुल 27 में 21 वोट पड़े। वहीं प्रमुख विशु हेम्ब्रम के समर्थन में केवल पांच वोट पड़े। इस तरह प्रमुख विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रहे। प्रमुख की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। प्रमुख विशु हेम्ब्रम के क्रियाकलाप से नाखुश 25 जुलाई को दमयंती मुंदुईया के नेतृत्व में उपप्रमुख सहित 21 पंचायत समिति सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश की थी। एक सदस्य गैरहाजिर रहा। प्रमुख के विरोध में उपप्रमुख विनय सिंहदेव, डोली हांसदा, सोमवारी बारी, रामाकांती साहू, कनकलता मंडल, विमला महतो, गुलाबी महतो, सुमन मुर्मू, दुर्गा तांती, जूही महतो, लखिया मुर्मू, भदाव चंद्र टुडू, चमरू मुर्मू, संटू नायक, रामविलास मुखी, मनोरंजन गोप, कालीचरण मार्डी, फकीर कुंटिया, शिशिर सिंहदेव आदि शामिल हैं। सदस्यों ने निर्वाची पदाधिकारी से निर्णय की हार्ड कॉपी शीघ्र उपलब्ध कराने और जल्द आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग रखी। दूसरी बार सदन में हारे प्रमुख विशु हेम्ब्रम
प्रखंड प्रमुख विशु हेम्ब्रम के खिलाफ पंचायत समिति सदस्यों का यह तीसरा अविश्वास प्रस्ताव था। इससे पहले दो बार अविश्वास प्रस्ताव सदस्यों द्वारा लाया गया था। पहली बार कार्यकाल शुरू होने से छह माह के भीतर ही सदस्यों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव आया था, जो प्रस्ताव अस्वीकार हो गया था। 25 जुलाई 2017 को दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस पर आठ अगस्त 2017 को सदन में प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद वोटिग हुई। इसमें प्रखंड प्रमुख बहुमत साबित करने में असफल हुए थे। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को प्रमुख विशु हेम्ब्रम ने चुनाव आयोग में चुनौती दी थी। इसके बाद प्रमुख विशु हेम्ब्रम के पक्ष में निर्णय गया। राज्य चुनाव आयोग के निर्देश पर विशु हेम्ब्रम प्रमुख पद पर दोबारा पदस्थापित हुए थे। अब दूसरी बार सदन में प्रमुख विश्वास मत हासिल करने में असफल हुए। इस तरह सदन में दो बार प्रमुख हारे। प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिग हुआ। प्रमुख के खिलाफ में 21 व समर्थन में पांच वोट पड़े। इसमें एक वोट से प्रमुख की हार हुई है। वर्तमान में उपप्रमुख कार्यभार संभालेंगे। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रेमचंद कुमार सिन्हा, बीडीओ अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध न्यायालय जाऊंगा: विशु हेंब्रम
अविश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध न्यायालय जाऊंगा। पहले भी गलत तरीके से मुझे पद से हटाने की कोशिश की गई थी। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने मुझे योग्य पाते हुए दोबारा पद पर आसीन होने का आदेश प्रदान किया था। इस बार भी चुनाव आयोग व न्यायालय की शरण में जाऊंगा।