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तीरंदाजी से झारखंड को मिली एक अलग पहचान: द्रौपदी मुर्मू

खरसावां के अर्जुना स्टेडियम में रविवार को तीरंदाजी चैंपियनशिप का उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 06:28 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 06:28 PM (IST)
तीरंदाजी से झारखंड को मिली एक अलग पहचान: द्रौपदी मुर्मू
तीरंदाजी से झारखंड को मिली एक अलग पहचान: द्रौपदी मुर्मू

संवाद सूत्र, खरसावां : खरसावां के अर्जुना स्टेडियम में रविवार को तीरंदाजी चैंपियनशिप के उद्घाटन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि तीरंदाजी से पूरे विश्व में झारखंड का मान बढ़ा है। पहले भी आदिवासी समुदाय के बच्चे तीर-धनुष से खेलते थे। रामायण महाभारत के समय तीर-धनुष आत्मरक्षा के लिए होता था, लेकिन अब यह एक लोकप्रिय खेल बन गया है। राज्यपाल ने 13वां राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।

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राज्यपाल ने कहा कि आदिवासियों में तीरंदाजी के पारंपरिक गुण रहते हैं। सरकार भी खेल के विकास के लिए काम कर रही है। जो भी संस्था खेल को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम कर रही है, उन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है। झारखंड तीरंदाजी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन मुंडा व सरायकेला जिला तीरंदाजी संघ की अध्यक्ष मीरा मुंडा ने ग्रामीण प्रतिभाओं को तरास कर मंच देने का काम किया है। राज्यपाल ने कहा कि अर्जुन मुंडा और मीरा मुंडा आधुनिक युग के द्रोणाचार्य हैं। पौराणिक युग में धनुर्विद्या अर्जुन और कर्ण को द्रोणाचार्य ने सिखाया था। जबकि आधुनिक युग में अर्जुन मुंडा और उनकी पत्नी मीरा मुंडा युवाओं को धनुर्विद्या सिखा रहे हैं। तीरंदाजी के माध्यम से पूरे देश का नाम रौशन करने वाली तीरंदाज दीपिका कुमारी की सफलता के पीछे भी अर्जुन मुंडा व खरसावां का बड़ा योगदान रहा है।

तीरंदाजी में इतिहास रचेगा झारखंड : अर्जुन मुंडा

झारखंड तीरंदाजी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वे बाई नेम व बाई पोस्ट आर्चर हैं। आने वाले दिनों में पूरे विश्व में झारखंड इतिहास रचेगा। इसी को ध्यान में रखकर श्रृंखलाबद्ध तरीके से तीरंदाजी खेल को आगे बढ़ाया जा रहा है। ओलंपिक खेल में तीरंदाजी में स्वर्ण पदक लाने के लक्ष्य के साथ तीरंदाज आगे बढ़ें। स्वागत भाषण तीरंदाजी संघ की अध्यक्ष मीरा मुंडा तथा धन्यवाद ज्ञापन संघ के सह सचिव उदय ¨सहदेव ने दिया।

पारंपरिक नृत्य से राज्यपाल का स्वागत

कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक संताली व मागे नृत्य के साथ राज्यपाल का स्वागत किया गया। राज्यपाल को प्रशासन की ओर से बंदीराम के पास बनाए गए हैलीपैड में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त छवि रंजन, एसपी चंदन कुमार सिन्हा, एसडीएम डॉ. बशारत कयूम व जिला तीरंदाजी संघ के सह सचिव उदय ¨सहदेव ने राज्यपाल की आगवानी की। मंच पर अर्जुन मुंडा व मीरा मुंडा ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। प्रतियोगिता में राज्य के 18 जिला व दस यूनिट के कुल 656 तीरंदाज भाग ले रहे हैं। सभी जिला व यूनिट के तीरंदाजों ने मार्च पास्ट निकाला। उपाध्यक्ष छवि रंजन, एसपी चंदन सिन्हा, पूर्व विधायक मंगल सोय, संघ के सह सचिव जिलाध्यक्ष उदय ¨सहदेव, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप ¨सहदेव, जेएए के सचिव आशीष कुमार, शैलेंद्र ¨सह, उपाध्यक्ष अजय ¨सह, ओलंपियन तीरंदाज रीना कुमारी, रोयना रॉय, हरेंद्र ¨सह, धर्मेन्द्र तिवारी, डी. साइश्वेरी राव आदि उपस्थित थे। खरसावां में 13वीं राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता में राज्य भर से करीब 650 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन हर साल राज्य में तीरंदाजों की प्रतिभा निखारने के उद्देश्य से किया जाता है।


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