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गर्मी की बढ़ी तपिश, अस्पताल पहुंच रहे मरीज

जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले में तेज गर्मी से लोग परेशान है। दस बजते ही आसमान

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 03:17 PM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 03:17 PM (IST)
गर्मी की बढ़ी तपिश, अस्पताल पहुंच रहे मरीज
गर्मी की बढ़ी तपिश, अस्पताल पहुंच रहे मरीज

जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले में तेज गर्मी से लोग परेशान है। दस बजते ही आसमान से आग बरसने लगती है और इसकी तापिस से लोग तप रहे हें। दिनों दिन बढ़ते तापमान व उमस भरी गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। सरायकेला में मंगलवार को अधिकतम तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह 10 बजे के बाद से ही दिनभर चल रही गर्म हवा व बढ़ती तपिश ने लोगों को परेशान कर रखा है। बढ़ती तपिश के कारण दोपहर में सड़के सुनसान रहती है। बढ़ती गर्मी व अनियमित दिनचर्या के कारण लू व डिहाइड्रेशन के मरीज प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे है। मंगलवार को सदर अस्पताल में लू व डिहाइड्रेशन के पांच मरीज इलाजरत है। इलाज के पश्चात सभी मरीजों का स्थिति सामान्य है।

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दिनचर्या बदलते हुए रखें सेहत का ध्यान : डॉ सहगल

जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ के के सहगल ने बताया कि बढ़ती गर्मी में लू व डिहाइड्रेशन से बचने के लिए लोग अपने दिनचर्या बदले और आवश्यक कार्य में ही पूरे शरीर को ढ़ंक कर बाहर निकलें ताकि वातावरण का तापमान आपके शरीर पर असर ना डालें। पर्याप्त मात्रा में पानी व तरल ठंडा पदार्थ का सेवन करके ही घर से निकलें। डॉ केके सहगल ने कहा कि लू व डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खान-पान पर ध्यान देते हुए विटामिन सी वाले पेय पदार्थों का उपयोग करें और जितना हो सके मशाला व गर्म चीज से दूर रहे। बताया कि प्रचंड गर्मी को देखते हुए जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओआरएस व स्लाइन समेत उपचार की पूरी व्यवसथा की गई है। इसके अलावे हर पंचायत भवन में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर ग्रामीणों की स्वस्थ्य जांच कर उन्हें गर्मी से बचाव के उपाय बताया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों के बीच ओआरएस का वितरण किया जा रहा है।

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बढ़ती गर्मी में हो सकती है ये बीमारी

सन बर्न, सन टैग, फंगल इंफेक्शन, घमौरिया, सन एलर्जी, सोलर अट्रिकेरिया (ददोड़े), त्वचा बेजान और खुश्क होना, उल्टी-दस्त, सिरदर्द, मांसपेशियों में ¨खचाव, शरीर का तापमान अनियंत्रित होना, डिहाइड्रेशन, हैजा, एक्यूट गैस्ट्रोएंटराइटिस, एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस।


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