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बरातियों की तरह बरहेट में मजदूरों का स्वागत

कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। बाहर से आये म•ादूरों को जिला प्रशासन द्वारा कोरेंटिन सेंटरों में रखा गया था। जहां बिहार बंगालआदि के •ा्यादातर म•ादूर कोरेंटिन किये गए हैं। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन म•ादूरों को वापस अपने घर भेजने की व्यवस्था कर रही है। इसी क्रम में म•ादूरों के लिए जिला प्रशासन ने चार बसों का इंते•ाम किया था जिनमे कल 3

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 06:00 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 06:00 PM (IST)
बरातियों की तरह बरहेट में मजदूरों का स्वागत
बरातियों की तरह बरहेट में मजदूरों का स्वागत

साहिबगंज : पश्चिम बंगाल के व‌र्द्धमान से चले 72 मजदूर शनिवार की अलसुबह बरहेट के एकलव्य विद्यालय पहुंचे। यहां डीडीसी मनोहर मरांडी व अपर समाहर्ता अनुज कुमार की मौजूदगी में उनका स्वागत किया गया। मजदूरों को फूलों की माला पहनाकर अधिकारियों ने उनका कुशल क्षेम पूछा। इसके बाद सभी को चाय-नाश्ता कराया गया। इस बीच एक-एक कर सबकी स्वास्थ्य जांच की गई। खाना खिलाने के बाद सभी को प्रशासन ने छोटे-छोटे वाहनों से घर तक पहुंचवा दिया। इस दौरान मजदूरों ने इस आवभगत के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार जताया। सभी मजदूरों को फिलहाल होम क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच करेगी। एक महिला को मिर्गी की बीमारी की वजह से सदर अस्पताल भेज दिया गया। गौरतलब हो कि लॉकडाउन के दौरान साहिबगंज मजदूरों को भेजने वाला पहला जिला बना। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुरुवार की रात यहां से 39 मजदूरों को मुर्शिदाबाद भेजा गया था। इसके बाद वर्धमान से 72 मजदूरों को लेकर वह बस शुक्रवार की शाम रवाना हुई थी। एकलव्य विद्यालय में सभी मजदूरों के सोने एवं ओढ़ने की व्यवस्था की गई थी। इससे पूर्व शुक्रवार की देर रात उपायुक्त वरुण रंजन, अनुमंडल पदाधिकारी सहिबगंज पंकज साव, अनुमंडल पदाधिकारी राजमहल कर्ण सत्यार्थी, एनडीसी जय कुमार, बीडीओ बरहेट दयानंद कारजी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी विकास हेम्ब्रम आदि बरहेट पहुंचे। करीब डेढ़ बजे रात तक उपायुक्त स्वयं वहां जमे रहे। उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन इन मजदूरों के चेहरे पर ़खुशी लाने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। यहां जिला प्रशासन की ओर से सभी मजदूरों के खाने, सोने की व्यवस्था के साथ साथ मनरेगा में पंजीकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल ये लोग होम क्वारंटाइन में रहेंगे। क्वारंटाइन अवधि पूरा करने के बाद काम कर सकेंगे। लौटने वाले मजदूरों में 41 पुरुष तथा 31 महिलाएं थीं।

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