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पहली ही बाढ़ में सीवरेज सिस्टम फेल

पहली ही बाढ़ में यहां बनाया गया सिवरेज सिस्टम फेल हो गया। अधिकतर मुहल्लों में सिवरेज ओवरफ्लो होने लगा। वह तो शुक्र मनाएं कि अब तक उसमें घरों का पाइप लाइन नहीं जोड़ा गया है वरना सिवरेज के ओवरफ्लो होने पर मुहल्लों में रहना मुश्किल हो जाता।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 12:25 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:25 AM (IST)
पहली ही बाढ़ में सीवरेज सिस्टम फेल
पहली ही बाढ़ में सीवरेज सिस्टम फेल

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : पहली ही बाढ़ में यहां का सीवरेज सिस्टम फेल हो गया। अधिकतर मुहल्लों में सीवरेज ओवरफ्लो होने लगा। शुक्र मनाएं कि अब तक उसमें घरों का पाइप लाइन नहीं जोड़ा गया है वरना सिवरेज के ओवरफ्लो होने पर मुहल्लों में रहना मुश्किल हो जाता। जगह-जगह सिवरेज के लिए खोदे गए गड्ढ़ों में वाहन फंस रहे हैं सो अलग। विगत रविवार को बारिश की वजह से टमटम स्टैंड व आसपास के मुहल्लों में काफी जलजमाव हो गया था। इसे निकलने में आठ-दस घंटे लग गए। इससे पूर्व में मॉनसून के शुरू होने पर भी इन इलाकों में जलजमाव हुआ था। उस समय यह बात सामने आयी कि साहिबगंज कॉलेज के पास बनाए गए ट्रीटमेंट प्लांट की नाली जाम हो गई थी। बाद में नाली को साफ करने के बाद पानी निकला था। इस बार भी वहां पर पानी का दवाब ज्यादा था। इस वजह से टमटम स्टैंड के पास से पानी निकलने में विलंब हुआ।

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पहाड़ का पानी झरना कॉलोनी, रेलवे अंडरपास होते हुए गंगा में जाता है। साहिबगंज कॉलेज के पास ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के क्रम में नाला सकरा हो गया है जिससे पानी तेज गति से नहीं निकल पाता है। सीवरेज का निर्माण कराने वाली कंपनी जुडको ने यहां जैसे-तैसे काम कराया। कार्य के समय उसके अभियंता मौके पर नहीं रहते थे। मजदूरों ने किसी तरह इसका निर्माण पूरा कर दिया। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कई जगह आपत्ति जतायी तो उसे भी नजरअंदाज कर दिया गया।

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एंटी फ्लड स्लुइस गेट की जरूरत

नगर विकास से जुड़े अभियंताओं के अनुसार नदी किनारे बसे शहरों में एंटी फ्लड स्लुइस गेट की जरूरत होती है, ताकि अन्य दिनों में उसे बंद रखा जाए और नदी में बाढ़ आने पर उसेखोल दिया जाए। एंटी फ्लड स्लुइस गेट के साथ संप हाउस का भी निर्माण कराया जाता है। इससे गेट बंद करने पर उससे पानी को पंप कर गेट के बाहर किया जा सकेगा। लेकिन यहां इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। इस वजह से गंगा किनारे बसे डूबा टोला, पाइप लाइन, हरिपुर, हबीबपुर, भरतीया कॉलोनी आदि मुहल्लों में अब तक जलजमाव है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने भी इस कमी को स्वीकार किया। कहा कि एंटी फ्लड सुलिस गेट के निर्माण का प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा। कहा कि जुडको को भी गड़बड़ियों को दुरुस्त करने के लिए कहा जाएगा।

नगर परिषद के पास संसाधनों का टोटा है। इस वजह से ज्यादा बारिश में समस्या विकराल हो जाती है। शहर के कई मुहल्लों में जलजमाव के बाद लोगों ने नगर परिषद से पंपिग सेट से पानी निकलवाने का अनुरोध किया लेकिन नगर परिषद ने संसाधनों की कमी बताकर ऐसा करने से इन्कार कर दिया।


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