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प्रदूषण से श्वास की बीमारी ने बनाया घर

बरहड़वा प्रखंड क्षेत्र में नियम को ताक पर रखकर ईंट चिमनियों का संचालन करने से स्थानीय लोग परेशान हैं। कई लोग श्वास संबंधी बीमारियों के शिकार हो चुके हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 09:55 PM (IST)
प्रदूषण से श्वास की बीमारी ने बनाया घर
प्रदूषण से श्वास की बीमारी ने बनाया घर

संवाद सहयोगी, मिर्जापुर/साहिबगंज : बरहड़वा प्रखंड क्षेत्र में नियम को ताक पर रखकर ईंट चिमनियों का संचालन करने से स्थानीय लोग परेशान हैं। कई लोग श्वास संबंधी बीमारियों के शिकार हो चुके हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में पहले से बिना अनुमति आठ चिमनी ईट भट्ठा संचालित हो रहे हैं। चार और नए चिमनी ईंट भट्ठा का निर्माण कार्य चल रहा है। सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन मौन है। जानकारों की मानें तो ईंट चिमनी संचालकों ने संबंधित विभागों के अधिकारियों का रेट तय कर रखा है। ईंट चिमनी के चालू होने पर संबंधित लोगों के यहां वह समय से पहुंच जाता है। इस वजह से अधिकारियों को वहां जाने की जरूरत नहीं पड़ती। राशि नहीं पहुंचने पर छापेमारी आदि की कार्रवाई होती है। वर्तमान में रामनगर गांव में आरबीएलएल, थोपग्राम गांव में आरफाज, जामपुर में शांति एवं मुगलपाड़ा गांव में नजहर नाम से चिमनी भट्ठा का निर्माण चल रहा है। इन सभी भट्ठा का निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है। दीपावली के बाद सभी में ईंट पकाने का काम शुरू होगा। इन चिमनियों के मालिक राजू शेख, अशराफुल शेख एवं अनवर अली से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनापत्ति प्रमाणपत्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सभी प्रकार का कागजात होने की बात कही। कहा कि सभी प्रकार का कागज लेने के बाद ही वे इसका निर्माण करा रहे हैं। उधर, चिमनी का काम तेजी से चलते देख आसपास के लोगों की चिता और बढ़ गई है। मिर्जापुर गांव के परवेज आलम, टिल्हा गांव की अंगूरा बीबी, साठताला गांव के जमशेद की पत्नी सायनारा बेवा ने बताया कि वे लोग पिछले कुछ दिनों से साइनस यानी सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि पहले इन लोगों पूर्व में यह बीमारी नहीं थी। जब से उसके घरों के आसपास चिमनी भट्ठा संचालित होने लगा है तब से इन लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी होने लगी है। इन लोगों ने बताया कि डॉक्टरों ने बीमारी का कारण इलाके के प्रदूषण को बताया है।

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वर्जन

ईंट चिमनियों से काफी मात्रा में खतरनाक कार्बन मोनोआक्साइड गैस निकलता है। इससे सांस संबंधी बीमारियों के अलावा कई अन्य तरह की समस्या हो सकती है। संभव है साइनस की बीमारी उसी प्रदूषण की वजह से हुई हो।

डा. रणविजय कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल साहिबगंज


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