मोजीबुर की जगह मजबूर को उठाया, सदमे में गई मां की जान
राधानगर पुलिस द्वारा वारन्ट के नाम पर बेगुनाहों को अनावश्यक रूप से परेशान करने का मामला प्रकाश में आया है। राधानगर थाना प्रभारी प्रयाग दास के नेतृत्व में रविवार रात्रि में थाना क्षेत्र के जंगलपाड़ा में लाल वारंट के आधार पर मोजीबुर शेख के बदले मजबुर शेख(45) को उठा लाई।गिरफ्तारी के दौरान परिवार के सदस्यों ने विरोध किया, लेकिन पुलिस अनसुनी कर उसे थाना ले आई। इस सदमे से मजबूर शेख की 70 वर्षीय बृद्ध माता बानू बीबी ने दम तोड़ दिया। जब इस बात की सूचना मिली
उधवा (साहिबगंज) : वारंट के नाम पर राधानगर पुलिस बेगुनाहों को अनावश्यक रूप से परेशान करती है। थाना प्रभारी प्रयाग दास ने रविवार की रात जंगलपाड़ा में लाल वारंट के आधार पर मोजीबुर शेख के बदले मजबूर शेख (45) को उठा लाई। परिवार के सदस्यों ने गिरफ्तारी का विरोध किया, लेकिन पुलिस उसे थाना ले आई। इस सदमे से मजबूर शेख की 70 वर्षीय मां बानू बीबी ने दम तोड़ दिया। जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली, उसके होश उड़ गए। आनन-फानन मजबूर को थाने से छोड़ दिया गया।
वृद्धा की मौत के बाद पुलिस की मनमानी के विरोध में लोग गोलबंद होने लगे। थाना प्रभारी प्रयाग दास ने तुरंत ही अपनी गलती स्वीकार कर ली। इसके बाद महिला के अंतिम संस्कार तक लोगों ने विरोध प्रदर्शन टाल दिया।
मोजीबुर के खिलाफ दस साल पुराना मामला
बताते हैं कि दस साल पुराने एक मामले में उधवा को मोजीबुर शेख पर वारंट था। विारंट में मोजीबुर शेख के पिता का नाम दर्ज नहीं है। पुलिस ने बिना सत्यापन किए देर रात छापेमारी की है। परिजनों ने कहा कि इस मामले को न्यायालय ले जाएंगे। एसपी से भी इस प्रकरण की जांच कराने की मांग की है। पूर्व उप प्रमुख ऐनुल हक अंसारी, सामाजिक कार्यकर्ता नेहारुल इस्लाम, अभिभूषण दास, मंजूर शेख, स्थानीय वार्ड सदस्य इब्राहीम शेख, पूर्व जिला परिषद सदस्य अली हुसैन राधानगर थाना प्रभारी प्रयाग दास से मिले और घटना की जानकारी ली। थाना प्रभारी प्रयाग दास का कहना है कि पुलिस मजबूर शेख को पूछताछ के लिए राधानगर थाना लाई थी। इसमें उसकी संलिप्तता नहीं रहने के कारण छोड़ दिया गया है। महिला की मौत में पुलिस की कोई जिम्मेदारी या भूमिका नहीं है।
उधवा में बिना वारंट की गिरफ्तारी पर जताया विरोध
इससे पूर्व रविवार की रात को ही उधवा कचहरी घाट निवासी बद्रीनारायण साहा के पुत्र संजय गुप्ता (46) को भी परिजनों के विरोध के बावजूद गिरफ्तार कर लिया। सूचना मिलने पर ग्रामीण भी वहां पहुंच गए और विरोध करते हुए पुलिस से वारंट दिखाने को कहा। तब जाकर पुलिस को संजय गुप्ता को छोड़ना पड़ा।