अब अगली गर्मी में मिलेगा शहर वासियों को पानी
जागरण संवाददाता साहिबगंज साहिबगंज शहरी जलापूर्ति योजना 15 मई 2021 तक चालू होनेवाली थ
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : साहिबगंज शहरी जलापूर्ति योजना 15 मई 2021 तक चालू होनेवाली थी, मगर अगस्त के पहले सप्ताह तक भी चालू नहीं हो पाई। इसकी शुरुआत कब होगी यह कोई बताने वाला नहीं है। कार्य की अति धीमी रफ्तार से जाहिर है कि इस बार भी शहर वासियों को बादलों पर निर्भर रहना होगा। बरसाती पानी के घरेलू कार्य निपटाना पड़ेगा। अगले साल गर्मी माह में ही जलापूर्ति शुरू कर सरकार प्यास बुझा पाएगी।
पिछले दिनों पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता विजय एडमिन का तबादला कर दिया गया। नए कार्यपालक अभियंता ने अब तक प्रभार ग्रहण नहीं किया है। इस वजह से काम की रफ्तार और धीमी हो गई। मई 2021 में ही जलापूर्ति शुरू होने की बात थी लेकिन के पंप के लिए बोरियो अंचल के गोपालचौकी में भूमि अधिग्रहण करने में जिला प्रशासन को करीब चार माह लग गए। अप्रैल में भूमि का अधिग्रहण कार्य पूर्ण हुआ जिसमें बाद काम शुरू हुआ। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर आ गई और उद्योगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई। इस वजह से जेट्टी के निर्माण में बिलंब हो गया। वैसे विभाग ने सितंबर तक की अवधि विस्तार कंपनी को दे दिया है लेकिन उस समय तक भी पूरा होगा इस पर संशय है।
जिला मुख्यालय के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 2001 में योजना बनी। 2002 में 2.29 करोड़ रुपये का आवंटन आया। यह राशि लंबे समय तक कोषागार में पड़ी रही। काम शुरू नहीं हुआ। हाईकोर्ट के निर्देश पर 50.64 करोड़ का प्राक्कलन बना। गुजरात की कंपनी डोशियन को इसका ठेका मिला। कंपनी ने हाथीपार्क में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा एसडीओ आफिस के पीछे व अंजुमननगर में एक-एक पानी टंकी का निर्माण कराया। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी टंकी तक पाइप लाइन बिछाया गया। 31 जुलाई 2014 तक काम पूरा करना था लेकिन बार-बार इसे बढ़ाया जाता रहा। अंत में कोर्ट ने 2016 में इसे हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया लेकिन इस बार भी यह नहीं हुआ। इसपर करीब 31 करोड़ रुपये खर्च हो गए।
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2017 में कंपनी का एग्रीमेंट कर दिया गया था रद
काम पूरा नहीं होने पर 2017 में विभाग ने कंपनी का एग्रीमेंट रद कर दिया तथा उसे काली सूची में डाल दिया। 2019 में बनारस की कंपनी परमार कंस्ट्रक्शन एंड सप्लाई को शेष काम को पूरा करने का ठेका मिला। काम शुरू हुआ तो लॉकडाउन लग गया। विभागीय अधिकारियों की मानें तो पूर्व के डीपीआर के अनुसार जहां गंगा किनारे इंटकवेल बनना था उस भूमि का अधिग्रहण मल्टी मॉडल टर्मिनल के लिए कर लिया गया। इसके बाद दूसरी जगह इंटकवेल का प्रस्ताव बना। लेकिन वहां गंगा सूख गई। इसके बाद तीसरी जगह फ्लोटिग जेट्टी के निर्माण का निर्णय लिया गया लेकिन जेट्टी निर्माण के लिए मल्टी मॉडल टर्मिनल की ओर से अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा था। दिसंबर 2020 में सप्ताह मल्टी मॉडल टर्मिनल की ओर से अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया गया। इसके बाद बोरियो अंचल के गोपालचौकी में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई जो अप्रैल में पूर्ण हुई।
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कोलकाता से आएगी फ्लोटिग जेट्टी
गंगा नदी का जलस्तर बरसात के दिनों में बढ़ जाता है जबकि गर्मी के दिनों में घट जाता है। ऐसे में पंप हाउस से ज्यादा दूर पानी के जाने से जलापूर्ति में परेशानी होने लगती है। इसे देखते हुए फ्लोटिग जेट्टी का निर्माण कराने की योजना बनायी गई है। इसमें पंप एक छोटे से जहाज पर रहता है। जलस्तर के अनुसार उसे आगे-पीछे किया जा सकता है। इसका निर्माण कोलकाता में कराया जा रहा है। कोरोना काल में निर्माण कंपनी को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई जिससे जेट्टी का निर्माण रुक गया। अब एक बार पुन: काम शुरू हुआ है।
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मई 2021 में ही शहरी जलापूर्ति योजना शुरू होने की बात थी लेकिन अब तक वह शुरू नहीं हुई है। इस संबंध में उसका निर्माण करा रहे पीएचईडी से बात की जाएगी।
पुरुषोत्तम देव, सिटी मैनेजर, साहिबगंज नगर परिषद
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कोरोना की वजह से शहरी जलापूर्ति योजना का काम करा रही कंपनी को सितंबर तक का अवधि विस्तार दिया गया है। निर्धारित समय में कंपनी को हर हाल में काम पूरा करना है।
ब्रजेश कुमार, समन्वयक, पीएचईडी