नशापान से जीवन नरक के समान
उधवा प्रखंड अंतर्गत सुतियारपाड़ा पंचायत के पिलघुटु गांव में गुरुवार से दो दिवसीय संतमत सत्संग का 24वां वार्षिक अधिवेशन आरंभ हुआ।संतमत सत्संग समारोह का आयोजन जिला संतमत सत्संग समिति तथा स्थानीय संतमत सत्संग समिति के द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। गुरूवार से आयोजित इस दो दिवसीय अधिवेशन में जहां सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के शिष्य प्रधान आचार्य चतुरानंद जी महाराज वेदानंद जी महाराज योगानंद जी महाराज सहित अन्य वरिष्ठ साधु संत इस अधिवेशन में शिरकत कर रहे हैं। वहीं सुतियारपाड़ा एवं जोंका समेत आसपास से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचे हैं। आज प्रवचन देते हुए चतुरानं जी महाराज व वेदानंद जी महाराज ने श्रद्धालुओं को नशापान-ध्रुमपान से दूर रहने की नसीहत दी। कहा- नशापान से जीवन नरक के समान हो जाता है।नशापान करने वाले पाप-पूण्य के फर्क को भूल जाते हैं।आज का युवाओं
उधवा (साहिबगंज) : उधवा प्रखंड की सुतियारपाड़ा पंचायत के पिलघुटु गांव में गुरुवार से दो दिवसीय संतमत सत्संग का 24वां वार्षिक अधिवेशन शुरू हुआ। संतमत सत्संग समारोह का आयोजन जिला संतमत सत्संग समिति तथा स्थानीय संतमत सत्संग समिति द्वारा किया जा रहा है। इसमें सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के शिष्य प्रधान आचार्य चतुरानंद जी महाराज, वेदानंद जी महाराज, योगानंद जी महाराज सहित अन्य वरिष्ठ साधु संत शिरकत कर रहे हैं। वहीं सुतियारपाड़ा एवं जोंका समेत आसपास से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचे हैं। प्रवचन देते हुए चतुरानं जी महाराज व वेदानंद जी महाराज ने श्रद्धालुओं को नशापान-धुमपान से दूर रहने की नसीहत दी। कहा कि नशापान से जीवन नरक के समान हो जाता है। नशापान करने वाले पाप-पुण्य के फर्क को भूल जाते हैं। आज के युवाओं को नशे की लत लग गई है। इसे सुधारने के लिए भी धर्माचरण की शिक्षा जरूरी है। कार्यक्रम दो चरण में सुबह 6 बजे से 10 बजे तक तथा अपराह्न 2 से 6 बजे तक चलेगा। इसमें आध्यात्मिक कीर्तन, भजन, सदग्रंथ पाठ एवं संतों द्वारा प्रवचन का कार्यक्रम है। इस अवसर पर महर्षि मेंहीं दास जी के शिष्यों ने सत्संग की महिमा से श्रद्धालुओं को अवगत कराया। कहा कि सत्संग के माध्यम से हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, भक्ति गीत-संगीत भी प्रस्तुत किए गए। मौके पर समिति के अध्यक्ष लोगेन साहा, मोतीलाल साहा, मोहन ठाकुर, धनंजय साहा, रामनाथ साहा, रामप्रसाद साहा, डहरू साहा, अशोक साहा, पतिलाल साहा सहित अन्य मौजूद थे।