हाई स्कूलों में सुधरेगा शिक्षण का स्तर
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा 2016 में उत्तीर्ण जिले के 236 नवनियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को शनिवार को शहर के सिदो-कान्हु सभागार में आयोजित कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक अनंत ओझा, डीडीसी नैंसी सहाय व एसडीओ
साहिबगंज : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से चयनित जिले के 236 नवनियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को अंतत: नियुक्ति पत्र मिल गया। शनिवार को शहर के सिदो-कान्हु सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विधायक अनंत ओझा ने नियुक्ति पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक अनंत ओझा, डीडीसी नैंसी सहाय व एसडीओ अमित प्रकाश ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर विधायक अनंत ओझा ने कहा कि जिले में 236 शिक्षकों को पदस्थापित किए जाने से हाई स्कूलों की चरमराती शैक्षणिक व्यवस्था निश्चित रूप से सुधरेगी। कहा कि जिले किे हाई स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था में जो सुधार करने का प्रयास रघुवर सरकार ने किया इसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं। निदेशक राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम मंजू रानी स्वांशी, जिला शिक्षा पदाधिकारी अर्जुन प्रसाद ने भी कुछ शिक्षकों को नियुक्तिपत्र सौंपा। मौके पर विभाग के प्रधान सहायक हेमंत भगत, राजकुमार झा आदि मौजूद थे।
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कई शिक्षकों ने लगाया भेदभाव का आरोप
नियुक्तिपत्र लेने सिदो-कान्हु सभागार पहुंचे कई शिक्षकों ने पदस्थापना में भेदभाव करने का आरोप लगाया। कहा कि वरीयता सूची में ऊपर रहने के बाद भी दिए गए तीन ऑप्शन में से किसी भी स्कूल में पदस्थापित नहीं किया गया। वहीं एक अन्य शिक्षक ने बताया कि पहले जो सूची जारी की गई थी, उसे अंतिम समय में मनमाने तरीके से बदल दिया गया।
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हाई स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था होगी सुदृढ़
शिक्षकों के पदस्थापित किए जाने से हाई स्कूलों की चरमराती शैक्षणिक व्यवस्था दुरुस्त हो सकेगी। जिले के हाई स्कूलों में शिक्षकों का कुल 209 एवं अपग्रेड हाई स्कूलों में 432 पद रिक्त रहने से वहां की पठन-पाठन व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित थी। ऐसे में शिक्षकों को पदस्थापित किए जाने से स्कूलों में शिक्षकों की कमी कुछ हद तक दूर हो सकेगी। बता दें कि जिले कुल 87 हाई स्कूल संचालित है। इसमें 21 हाई स्कूल पूर्व से संचालित थे। इसके अलावे तीन प्रोजेक्ट व एक राजकीय हाई स्कूल शामिल है। वहीं 62 मिडिल स्कूलों को हाई स्कूल में अपग्रेड किया गया था। उन स्कूलों में पिछले कई सालों से शिक्षकों की घोर अभाव रहने से उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा हुआ था।