मनरेगा में प्रवासी मजदूरों की दिलचस्पी नहीं
संवाद सहयोगी उधवा (साहिबगंज) वैश्विक महामारी कोरोना संकट के कारण देश के बड़े शह
संवाद सहयोगी, उधवा (साहिबगंज) : वैश्विक महामारी कोरोना संकट के कारण देश के बड़े शहरों में रोजगार छीन जाने के बाद उधवा प्रखंड की विभिन्न पंचायत में हजारों प्रवासी मजदूरों ने वापसी की है। लॉकडाउन के कारण रोजगार छीन गया तो लोगों ने जान बचाने के लिए लोगों ने जैसे तैसे करके अपने घर वापसी की है। सभी के लिए फिर से रोजगार प्राप्त करना कठिन चुनौती है। प्रखंड की 26 पंचायत में प्रवासी मजदूरों के लिए सिर्फ कृषि व मनरेगा ही सहारा है। यहां क्रशर या पत्थर खदान में रोजगार का मौका नहीं है। ऐसे में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मनरेगा योजना में जॉब कार्ड बनाने के बाद रोजगार प्रदान करने की कोशिश की गई है लेकिन अब तक महज 152 मजदूरों ने अपना निबंधन कराया है। इसके पीछे मनरेगा की मजदूरी दर तथा रोजगार के कम अवसर होना बताया जा रहा है। मनरेगा बीपीओ गगन बापू ने बताया कि रोजगार सेवकों को अपनी अपनी पंचायत में प्रवासी मजदूरों का निबंधन करने के लिए निर्देश दिया गया है। वर्तमान में आतापुर पंचायत के लिए 26, चांदशहर में 4, पूर्वी उधवा में 10, जोंका में 25, मोहनपुर में 15, उत्तर सरफराजगंज में 35, राधानगर में चार, श्रीघर में एक, पश्चिम प्राणपुर में 7 तथा पश्चिमी उधवा पंचायत के लिए 25 जॉब कार्ड बनाया गया है। कुल 34 लोगों को रोजगार दिया गया है। सबसे ज्यादा घर वापसी करने वाले पंचायत उत्तर पियारपुर, दक्षिण पियारपुर, मध्य पियारपुर तथा अमानत दियारा जैसी एक दर्जन से अधिक पंचायत में कोई जॉब कार्ड नहीं बनाया गया है।