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प्रशिक्षण से चूक गए कई सरकारी शिक्षक

साहिबगंज जिले के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत करीब दर्जनभर सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 04:25 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 04:25 PM (IST)
प्रशिक्षण से चूक गए कई सरकारी शिक्षक
प्रशिक्षण से चूक गए कई सरकारी शिक्षक

साहिबगंज : जिले के प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत करीब दर्जनभर सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करने से चूक गए हैं। मार्च 2020 में आए परीक्षा परिणाम में वे अनुतीर्ण घोषित किए जा चुके हैं। इन शिक्षकों ने प्रशिक्षण के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपेन स्कूलिग में नामांकन कराया था। परीक्षा में फेल होने से अब उनकी नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है। इनमें सबसे अधिक शिक्षक तालझारी प्रखंड के हैं। बोरियो व बरहड़वा के भी कुछ शिक्षक हैं। गौरतलब हो कि पिछले साल राज्य में निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) अधिनियम 2017 लागू किया गया था। इस अधिनियम के अनुसार 31 मार्च 2019 के बाद सरकारी व निजी स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों से काम लेने पर रोक का प्रावधान था। लेकिन देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में अप्रशिक्षित शिक्षक काम कर रहे थे। उन्हें हटाने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो सकती थी। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 2017 में एनओआइएस को शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में पारा व सरकारी शिक्षकों ने इसमें नामांकन कराया। दो वर्षीय प्रशिक्षण का रिजल्ट मई 2019 में प्रकाशित हुआ। जिले के सौ से अधिक शिक्षक इसमें फेल हो गए। अन्य राज्यों में भी ऐसा हुआ। इसके बाद एनओआइएस ने फेल होने वाले शिक्षकों को एक और मौका देने का निर्णय लिया। दुबारा जनवरी 2020 में परीक्षा हुई। इसका रिजल्ट मार्च 2020 को आया। इसमें भी जिले के एक दर्जन शिक्षक फेल हो गए। इससे पूर्व दिसंबर 2019 में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने सभी उपायुक्त, डीईओ व डीएसई को एक पत्र भेजा था। इसमें अप्रशिक्षित सरकारी शिक्षकों व पारा शिक्षकों की सेवा न लेने का निर्देश दिया था। हालांकि जिले में एक दर्जन सरकारी व इतने ही पारा शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं। चूंकि मार्च में एनआइओएस का रिजल्ट आया और उसके बाद लॉकडाउन घोषित हो गया। इस वजह से उसपर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद यह फाइल फिर से खुल सकती है।

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प्रधान सचिव ने अप्रशिक्षित शिक्षकों से काम न लेने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी अगर किसी जिले में अप्रशिक्षित शिक्षकों से काम लिया जा रहा है और उन्हें वेतन दिया जा रहा है तो यह गंभीर मसला है। इसके लिए दोषी शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी से वेतन की वसूली की जाएगी।

राजकुमार सिंह, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, संताल परगना, दुमका


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