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तालझारी में डायरिया से कई आक्रांत

प्रखंड क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों में अब डायरिया ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया। इस बीमारी की चपेट में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग बीमार हो गए हैं। जिनका इलाज तालझारी स्वास्थ्य केन्द्र व सदर अस्पताल साहेबगंज में कराया जा रहा है। तालझारी प्रखंड के भतभंगा पंचायत के भतभंगा संथाली गांव के दीपक टुडू 13 वर्षीयबिटि बेएसराव गंगटिया गांव के ठोकरोन बेसरा 50 वर्षीय वहीं बाकुडी पंचायत के मोनहरपुर गांव के लोगरा टुडू 40वर्षीय शामिल है।जिनका इलाज तालझारी स्वास्थ्य केन्द्र में चल रहा है। इस बाबत बीमार मरीजों के परिजनों ने बताया कि डायरिया का प्रकोप बढ़ने के बाद गांव मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी तरह का कोई व्यवस्था नहीं किया गया है।और न

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 12:13 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:23 AM (IST)
तालझारी में डायरिया से कई आक्रांत
तालझारी में डायरिया से कई आक्रांत

तालझारी (साहिबगंज) : प्रखंड क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों में डायरिया ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया। इसकी चपेट में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग आ चुके हैं। इनका इलाज तालझारी स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल साहिबगंज में कराया जा रहा है। तालझारी प्रखंड की भतभंगा पंचायत के भतभंगा संताली गांव के दीपक टुडू (13), बिटी बेसरा व गंगटिया गांव के ठोकरोन बेसरा (50), बाकुड़ी पंचायत के मोनहरपुर गांव के लोगरा टुडू (40) बीमारी से पीड़ित हैं जिनका इलाज तालझारी स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। बीमार मरीजों के परिजनों ने बताया कि डायरिया का प्रकोप बढ़ने के बाद गांव मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और न ही केंद्र में सही तरीके से इलाज किया जाता है। कई लोग विभाग के रवैये को देखते हुए निजी क्लीनिक का सहारा ले रहे हैं। दीपक टुडू की मां ने बताया कि बेटे की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। वहीं डाक्टर रंजन कुमार ने बताया कि  डायरिया पीड़ित गांवों के लिए एक टीम का गठन किया गया। टीम गांव गांव जाकर  लोगों की जांच कर रही है। बताया कि  डायरिया पीड़ित मरीजों की हालत स्थिर है। अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों से डायरिया पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है।

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खसरा एक जानलेवा बीमारी

संस, तालझारी (साहिबगंज) : पीएचसी में खसरा रूबेला टीकाकरण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें बताया गया कि खसरा एक जानलेवा बीमारी है। बच्चों में अपंगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक है। रूबेला से गर्भवती स्त्री में गर्भपात, अकाल प्रसव और मृत प्रसव की आशंका बढ़ जाती है। सीएससी प्रभारी डॉ.रंजन कुमार ने बताया कि यदि आपका बच्चा 9 माह से 15 साल तक की उम्र का हो तो उसे टीका अवश्य लगवाएं। खसरा और रूबेला टीका सभी टीकाकरण सत्र और सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त में लगाया जाता है। इस अवसर पर डॉ.रवि प्रकाश, अमरेन्द्र कुमार, संगीता कुमारी, एएनएम, लूसी कुमारी, सहिया साथी सहित अन्य उपस्थित थे।


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