विदेशी पक्षियों की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी
विश्व प्रवासी पक्षी दिवस के मौके पर पतौड़ा झील के लोहिया भवन अतिथिशाला में मंगलवार को हजारीबाग वन प्रमंडल द्वारा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय लोगों को उधवा पक्षी अभयारण्य तथा पतौड़ा झील में विदेशी मेहमान पक्षियों के अवैध शिकार नहीं करने तथा इसमें रोकथाम को लेकर चर्चा की गई।इस दौरान विभिन्न विद्यालय के छात्र-छात्राओं के
उधवा (साहिबगंज) : विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर पतौड़ा झील के लोहिया भवन अतिथिशाला में मंगलवार को हजारीबाग वन प्रमंडल की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। लोगों को उधवा पक्षी अभ्यारण्य में विदेशी पक्षियों का शिकार नहीं करने को लेकर चर्चा की गई। विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बीच पर्यावरण से जुड़े निबंध, चित्रकला, क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि वन विभाग के रेंजर अखिलेश प्रसाद चौधरी ने कहा कि विश्व प्रवासी पक्षी दिवस हर साल 12 नवंबर को मनाया जाता है। जिसमें प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों को संरक्षित करने के लिए जागरुकता फैलाई जाती है। कार्यक्रम में राजकीय मध्य विद्यालय उधवा, मध्य विद्यालय मोहनपुर, प्लस टू उच्च विद्यालय उधवा के दर्जनों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। तीनों विद्यालय के बच्चों ने प्रतियोगिता हिस्सा लेकर पर्यावरण से जुड़े विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में प्लस टू हाई स्कूल उधवा की प्राचार्या नुसरत जहां ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए वन के संरक्षण जरूरत है। साथ ही वन का संरक्षण करें। मौके पर वनरक्षी इंद्रजीत कुमार दास, जयवर्धन दास, अशोक कुमार, ओमप्रकाश आर्य सहित अन्य मौजूद थे। उधवा पक्षी अभ्यारण्य को 1991 में बिहार सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था। वर्तमान में यह झारखंड का एक मात्र पक्षी अभ्यारण्य है जहां शीतकाल में काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। उधवा झील 5.65 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां प्रतिवर्ष जाड़े के मौसम में प्रवासी पक्षी खासकर साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता है। इसके अतिरिक्त स्थानीय प्रजाति के पक्षी भी यहां देखे जाते हैं।