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उधवा-बरहड़वा में सुखाड़ की स्थिति

स्थानीय विधायक अनंत कुमार ओझा के द्वारा उधवा प्रखंड के गज्जी नाला का पानी सुखने के संबंध में उपायुक्त को प्रेषित त्राहिमाम पत्र के आलोक में उपायुक्त साहेबगंज संदीप कुमार ¨सह ने महाप्रबंधक फराक्का बराज को पत्र लिखकर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया है।साथ ही प्रबंधन से नियमित जलापुर्ति करने का अनुरोध किया है।विदित हो कि बाढ़ तथा सुखाड़ दोनों की मार झेल रहे उधवा के किसानों को रवि फसल को ¨सचाई के अभाव में नष्ट होने की प्रबल संभावना ने उसे संकट की स्थिति में डाल दिया है।इससे उनके मेहनत

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 05:17 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 05:17 PM (IST)
उधवा-बरहड़वा में सुखाड़ की स्थिति
उधवा-बरहड़वा में सुखाड़ की स्थिति

उधवा (साहिबगंज) : गज्जी नाला के सूखने से उधवा और बरहड़वा इलाके में हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद होने की कगार पर है। सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से किसान परेशान है। उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद होने के कगार पर है। गज्जी नाला में फरक्का बराज से पानी आता है।

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राजमहल विधायक अनंत कुमार ओझा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त को त्राहिमाम पत्र दिया है। इसपर उपायुक्त संदीप कुमार ¨सह ने फरक्का बराज के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया है। साथ ही प्रबंधन से नियमित जलापूर्ति करने का अनुरोध किया है। हालांकि उनके पत्र का अबतक बराज प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। बाढ़ के बाद सुखाड़ की मार झेल रहे उधवा के किसानों की रबी फसल को ¨सचाई के अभाव में नष्ट होने की संभावना ने किसान संकट में हैं।

राधानगर तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में किसानों का प्रमुख जलस्त्रोत गज्जी नाला में पानी का समाप्त होना है। भारत-बांग्लादेश जलसंधि के कारण फरक्का बराज से बांग्लादेश को जलापूर्ति की जा रही है। इस कारण गंगा नदी का जलस्तर नीचे चला गया है। जलस्तर नीचे चले जाने से गज्जी नाला को पानी मिलना बंद हो गया। कोदालकाटी तथा शुक्रवासिनी झील के माध्यम से पानी मिलता है, लेकिन इस वर्ष दिसंबर माह में ही जलसंकट की स्थिति आ गई है। नाला से राधानगर, बेगमगंज तथा चांदशहर सहित बरहड़वा प्रखंड के कालू बेलडांगा एवं भवानंदपुर मौजा में लगा हजारों एकड़ रवि फसल ¨सचाई के अभाव में नष्ट होने के कगार पर है। इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लहसुन, प्याज, धनिया जैसे व्यावसायिक फसलों की खेती किसान करते है।

कृषक समिति के प्रखंड अध्यक्ष नयन मिश्रा, कृषक मित्र प्रतुल मंडल, शिव शंकर मंडल ने बताया कि गज्जी नाला को कोदालकाटी नाला तथा शुक्रवासिनी झील के माध्यम से पानी मिलता है। लंबे समय से गज्जी नाला का जीर्णोद्धार नहीं किया गया है इससे नाला में गाद जमा हो गया है। इस कारण भी ¨सचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। इसका जीर्णोद्धार किए बिना किसानों का कल्याण नहीं हो सकता है। सूखे के कारण अगहनी फसल को नुकसान हुआ था।

कृषक निरंजन मिश्रा, देवेंद्र मंडल, प्रभाष मंडल, मनोरंजन मंडल, अशोक मंडल, उपेन्द्र मंडल, नरेंद्र मंडल, समर्थ मंडल,अजय मंडल का कहना है कि गज्जी नाला में प्रतिवर्ष लगभग यही हाल होता है।

प्रखंड तथा जिला प्रशासन को जानकारी देने के बावजूद गज्जी नाला का जीर्णोद्धार या फरक्का बैराज प्रबंधन से राज्य सरकार द्वारा वार्ता कर खेती के समय में गंगा का जलस्तर बरकरार रखने का निर्णय लिया जा सकता है। इससे किसानों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।


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