अच्छे मार्गदर्शक के अभाव में जीवन लक्ष्यविहीन
गायत्री परिवार का वार्षिक समीक्षा बैठक रविवार देर शाम को गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित की गई। जिसमें शांतिकुंज प्रतिनिधि शंभू नाथ दुबे ने बताया कि एक तरफ मानव भौतिक सुख-सुविधाओं का अंबार लगाता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मानव समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। सभी समस्याओं का समाधान पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित गायत्री महाविज्ञान में है। वार्षिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश के 60 फीसद आबादी युवाओं की है लेकिन एक अच्छे मार्गदर्शक के अभाव में इनका जीवन लक्ष्य विहीन हो गया है। इन युवाओं को धार्मिक मर्यादा बताकर सिखाकर आत्मसात करा कर ही इनके साथ साथ अपने समाज और देश का भी कल्याण किया जा सकता है और इसी के लिए गायत्री परिवार सतत प्रयत्नशील है। 9 फरवरी को टाटानगर में युवा महोत्सव आयोजित किया गया है।
साहिबगंज: गायत्री परिवार का वार्षिक समीक्षा बैठक रविवार देर शाम को गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित की गई। इसमें शांतिकुंज प्रतिनिधि शंभु नाथ दुबे ने बताया कि एक तरफ मानव भौतिक सुख-सुविधाओं का अंबार लगाता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मानव समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। सभी समस्याओं का समाधान पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित गायत्री महाविज्ञान में है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के 60 फीसद आबादी युवाओं की है लेकिन एक अच्छे मार्गदर्शक के अभाव में इनका जीवन लक्ष्य विहीन हो गया है। इन युवाओं को धार्मिक मर्यादा बताकर सिखाकर आत्मसात करा कर ही इनके साथ साथ अपने समाज और देश का भी कल्याण किया जा सकता है और इसी के लिए गायत्री परिवार सतत प्रयत्नशील है। 9 फरवरी को टाटानगर में युवा महोत्सव आयोजित किया गया है। आरपी शर्मा ने बताया कि 16 से 19 अप्रैल तक साहिबगंज में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की स्वीकृति शांतिकुंज हरिद्वार से प्राप्त है वार्षिक समीक्षा बैठक में साहिबगंज पाकुड़ जिला के सभी प्रखंडों से से आए प्रतिनिधियों के द्वारा 2020 के लिए मिशन की गतिविधियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया। बताया गया कि विश्व शांति एवं लोक कल्याण के उद्देश्य से बसंत पंचमी के अवसर पर 108 लोगों को 40 दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प दिलाया जाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत संजीत कुमार चौधरी एवं राजेंद्र पाल ने युग संगीत एवं गुरु वंदना से की। मंच संचालन ओंकारनाथ मिश्रा ने किया। बैठक में बरहेट, बरहड़वा, पतना, मंडरो, पाकुड़ से पुतुल कुमारी, संगीता राय, मनोरमा देवी, उषा साह, मीना चौधरी, संगीता कुमारी, विश्वजीत केसरी, रोहित कुमार, कमलकांत मंडल, राज किशोर राय, शंकर सुमन, रामप्रताप चौधरी आदि मौजूद थे।