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कृत्रिम गर्भाधान कर नस्ल सुधारें, बढ़ाएं दूध का उत्पादन

जिले में पशुपालन विभाग के अधीन प्रखंडों में पशु चिकित्सा केंद्र चल रहे हैं। जिले में जिला पशुपालन विभाग कृत्रिम गर्भाधान के अलावा पशु टीकाकरण सहित कई योजनाएं चला रहा है। इसके माध्यम से पशुपालकों के पशुओं का इलाज किया जाता है। जिले में पशुओं के टीकारकण के माध्यम से पशुओं की बीमारियों का इलाज विभाग कर रहा है। कृत्रिम पशु गर्भाधान भी किया रहा है। इससे दूध उत्पादन में वृद्धि हो रही है। इस सप्ताह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम जागरण प्रश्न पहर में जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. सुखलाल गगराई को आमंत्रित किया। डाक्टर ने जिले के पशुपालकों की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब दिया। डा. गगराई ने कहा कि पशुओं के रोगों का आयुर्वेदिक इलाज सबसे आसान व सुगम हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 11:11 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 11:11 PM (IST)
कृत्रिम गर्भाधान कर नस्ल सुधारें, बढ़ाएं दूध का उत्पादन
कृत्रिम गर्भाधान कर नस्ल सुधारें, बढ़ाएं दूध का उत्पादन

साहिबगंज : जिले में पशुपालन विभाग के अधीन प्रखंडों में पशु चिकित्सा केंद्र चल रहे हैं। जिले में जिला पशुपालन विभाग कृत्रिम गर्भाधान के अलावा पशु टीकाकरण सहित कई योजनाएं चला रहा है। इसके माध्यम से पशुपालकों के पशुओं का इलाज किया जाता है। जिले में पशुओं के टीकाकरण के माध्यम से पशुओं की बीमारियों का इलाज विभाग कर रहा है। कृत्रिम पशु गर्भाधान भी किया रहा है। इससे दूध उत्पादन में वृद्धि हो रही है। इस सप्ताह दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. सुखलाल गगराई ने जिले के पशुपालकों की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब दिया। कहा कि पशुओं के रोगों का आयुर्वेदिक इलाज सबसे आसान व सुगम हो गया है।

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सवाल : मुर्गी का फार्म खोलने के लिए क्या प्रक्रिया करनी पड़ती है - अमरेंद्र कुमार सिंह अधिवक्ता, राजमहल।

- मुर्गी फार्म आबादी से पांच सौ मीटर की दूरी पर खोला जा सकता है। इससे लोगों को परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन के लिए प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

सवाल : मेरे पास पांच छह बकरियां हैं। बकरियों में कृमि की दवा कब कब देनी होती है

- शमीमुद्दीन, मजहरटोला, साहिबगंज।

- बकरियों में कृमि की दवा पहले शुरुआत में एक से डेढ़ माह पर देनी है। इसके बाद फिर तीन तीन माह पर कृमि की दवा देनी पड़ती है। इससे रोगों से मुक्ति मिलती है।

सवाल : गाय को बछड़ा हुआ है उसके बाद गाय का थन कट गया है क्या उपाय करना है।

- श्रीनाथ चौधरी, मिर्जाचौकी, मंडरो।

-गाय का थन कटने के बाद गाय को दर्द होता है इसलिए वह अपने बछड़ा को दूध नहीं पिलाती है। मिर्जाचौकी में पशु चिकित्सक हैं उनसे इलाज कराएं लाभ होगा।

सवाल : गाय को बुखार हो गया है ठीक नहीं हो रहा है। कैसे इलाज होगा।

- अंजुम अहमद, कोदरजन्ना, साहिबगंज।

- गाय को बुखार होने पर उसका इलाज पशु चिकित्सक के कराने पर ठीक हो जाता है। मिर्जाचौकी के पशु चिकित्सक के अपने पशु का इलाज कराएं।

सवाल : बकरीपालन करने के लिए विभाग की ओर से क्या व्यवस्था हो सकती है।

- राजेश राय, पतना

-पशुपालन विभाग की ओर से बकरीपालन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है। अभी 12 पशुपालकों को प्रशिक्षण के लिए दुमका भेजा गया है। आने वाले वक्त में भी प्रशिक्षण का इंतजाम किया जाएगा।

सवाल : देशी गाय का दूध कम हो रहा है कैसे बढ़ाया जा सकता है।

- राजेश मरांडी, बोरियो।

- देशी गाय को कृत्रिम गर्भाधान कराकर उससे बेहतर नस्ल की बछिया होगी। इससे दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। पशुपालकों की आय भी बढ़ेगी।


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