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shaibganj news साहिबगंज के राजमहल में अवैध ई-रिक्शा फैक्ट्री का भंडाफोड़

दिलावरपुर में चल रहा था ई रिक्शा का निर्माण प्रशासन ने निर्मित वाहन सहित सामग्री जब्त कारखाना सील कर दिया है। निबंधित एजेंसी सरकार को टैक्स देते हैं जबकि अवैध तरीके से निर्माण कार्य में जुड़े लोग काफी सस्ते में ई वाहन को बाजार में बेचने काम कर रहा है।

By JagranEdited By: Gautam OjhaPublished: Wed, 28 Sep 2022 08:13 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 08:13 PM (IST)
shaibganj news साहिबगंज के राजमहल में अवैध ई-रिक्शा फैक्ट्री का भंडाफोड़
साहिबगंज के फुलवरिया दिलावरपुर में ई-रिक्शा की अवैध फैक्ट्री में छापामारी करते छापामारी दल के सदस्य व अन्य।

संवाद सहयोगी, राजमहल( साहिबगंज) : राजमहल के फुलवरिया दिलावरपुर में अवैध तरीके से चल रही ई-रिक्शा फैक्ट्री पर बुधवार की शाम पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान तीन ई-रिक्शा और निर्माण कार्य से जुड़ी अन्य सामग्री जब्त की गयी। साहिबगंज के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अवैध तरीके से ई रिक्शा निर्माण की शिकायत के बाद उपायुक्त रामनिवास यादव के निर्देश पर विभिन्न जगहों पर छापेमारी की गयी। राजमहल में छापेमारी के लिए गठित दल का नेतृत्व कार्यपालक दंडाधिकारी विशाल पांडेय कर रहे थे।

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टीम ने टीम ने राजमहल के फुलवरिया दिलावरपुर स्थित बबलू मिस्त्री के कारखाने एवं कासिमबाजार के साहा मेटेरियल सप्लायर्स के यहां छापेमारी की। थानाप्रभारी प्रणीत पटेल और जिला सड़क सुरक्षा प्रबंधक नीरज कुमार साह शामिल थे। हालांकि कासिम बाजार स्थित साहा मेटेरियल सप्लायर्स ने ई-रिक्शा से संबंधित कागजात प्रस्तुत किया। जिसे जांच के लिए जिला परिवहन विभाग को भेज दिया गया। फुलवरिया दिलावरपुर वार्ड संख्या 14 में बबलू मिस्त्री के कारखाने में अवैध तरीके से ई-रिक्शा का निर्माण करते पाया गया। वहां से तीन ई-रिक्शा तथा निर्माण कार्य से संबंधित अन्य सामग्री मसलन कंट्रोलर, प्रोमोटर, बैटरी आदि जब्त की गई। विशाल पांडे ने बताया कि बबलू मिस्त्री ने निर्माण कार्य से जुड़ा किसी भी प्रकार का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। इसलिए प्रथम दृष्टया निर्माण कार्य अवैध प्रतीत होता है। कारखाने को सील कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में विशाल पांडेय का कहना है कि अवैध निर्माण फैक्ट्री की जानकारी मिली थी।

जिले में निबंधित एजेंसी के वाहन की कीमत लगभग दो लाख के करीब है जबकि अवैध तरीके से निर्माण कार्य में जुड़े लोग ई रिक्शा महज एक लाख बीस हजार रुपये में उपलब्ध करा देते हैं। इस विषय की भी जांच हो रही है कि आखिरकार इसमें लगने वाले पार्ट पूर्जे को कहीं बांग्लादेश से तो नहीं लाया जा रहा है। सरकारी राजस्व को भी अवैध निर्माण से चूना लग रहा थे इसकी भी जांच चल रही है।


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