उच्च न्यायालय ने पाकुड़ पुलिस अधीक्षक को दी राहत
पाकुड़ : पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल द्वारा शहर के बैथनी स्कूल सोसाइटी के प्राचार्य दा
पाकुड़ : पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल द्वारा शहर के बैथनी स्कूल सोसाइटी के प्राचार्य दानियल एमानुवेल को छेड़छाड़ व पोक्सो एक्ट में क्लीनचिट देने के मामले में उच्च न्यायालय ने फिलहाल एसपी को राहत दे दी है। निचली अदालत ने एसपी के सुपरविजन पर सवाल खड़े किए थे। इस मामले में पाकुड़ के एडिशन सेशन जज ने न्यायालय के काम में हस्तक्षेप करने को लेकर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल सहित एडिशनल पीपी शिवेंद्र ¨सह, केस के अनुसंधानकर्ता राजेंद्र कुमार मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। निचली अदालत के खिलाफ पुलिस अधीक्षक ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
बताते चलें कि इसी वर्ष अप्रैल में स्कूल के प्राचार्य द्वारा एक बच्ची के साथ छेड़छाड़ करने के बाद पुलिस ने प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया था। तत्कालीन एसडीपीओ श्रवण कुमार ने सुपरविजन में आरोपों को प्रथमदृष्टया सत्य पाते हुए 27 अप्रैल 2018 को सुपरविजन रिपोर्ट जारी किया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने 7 मई 2018 को रिपोर्ट टू जारी करते हुए प्राचार्य को छेड़छाड़ व पोक्सो एक्ट के धाराओं से मुक्त कर दिया तथा अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया कि वह लोक अभियोजक के माध्यम से न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल करें ताकि प्राचार्य को न्यायिक हिरासत से मुक्त कराया जा सके। न्यायालय ने एसपी के सुपरविजन पर सवाल खड़े किए। न्यायालय ने टिप्पणी भी की। इस मामले में एडिशनल पीपी व अनुसंधानकर्ता ने न्यायालय में जबाव दाखिल कर दिया था, जबकि पुलिस अधीक्षक ने न्यायालय से एक महीने का समय दिए जाने का आग्रह किया। इसी बीच एसपी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। एसपी ने जून में निचली अदालत के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील किया। उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल स्टेऑर्डर दिया। इससे एसपी को राहत मिली है।