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सरकारी वकीलों की दलील से एनजीटी की पीठ नाराज

ऐतिहासिक राजमहल की पहाड़ियों को बचाने के लिए शुक्रवार को एनजीटी के प्रधान बेंच नई दिल्ली में सुनवाई की गई। एनजीटी के प्रधान बेंच के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने दायर मामले की सुनवाई की। हड़ताल के कारण याचिकाकर्ता के वकील अनुपस्थित रहे जबकि सरकारी वकीलों ने अपना पक्ष रखा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 06:52 AM (IST)
सरकारी वकीलों की दलील से एनजीटी की पीठ नाराज
सरकारी वकीलों की दलील से एनजीटी की पीठ नाराज

जागरण संवाददाता, साहिबगंज: ऐतिहासिक राजमहल की पहाड़ियों को बचाने के लिए शुक्रवार को एनजीटी के प्रधान बेंच नई दिल्ली में सुनवाई की गई। एनजीटी के प्रधान बेंच के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने दायर मामले की सुनवाई की। हड़ताल के कारण याचिकाकर्ता के वकील अनुपस्थित रहे जबकि सरकारी वकीलों ने अपना पक्ष रखा। हालांकि सरकारी वकीलों की दलील से एनजीटी की पीठ नाराज दिखी। एनजीटी की गठित उच्चस्तरीय टीम ने सीलबंद लिफाफे में अपनी गोनपीय रिपोर्ट दाखिल की। झारखंड प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्सी भी सशरीर मौजूद हुए। याचिकाकर्ता सैयद अरशद ने बताया कि सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया है। शनिवार व रविवार को छुट्टी रहने के कारण आदेश को सुरक्षित रखा गया है। अब सभी को एनजीटी का फैसला आने का इंतजार है। बताते चलें कि राजमहल पहाड़ बचाने को लेकर अरशद नसर की ओर से ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करने के बाद दो बार एनजीटी की उच्च स्तरीय टीम साहिबगंज जिले का दौरा कर चुकी है। जिले के ऐतिहासिक राजमहल पहाड़ के संरक्षण संवर्धन व पर्यावरणीय क्षति के आंकलन के लिए एनजीटी की गठित टीम पिछले माह तीन दिनों तक बरहड़वा, पतना, कोटालपोखर, सकरीगली, महादेवगंज व मिर्जाचौकी के कई पत्थर खदानों व स्टोन क्रशरों का निरीक्षण कर चुकी है।

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