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भगवान के शरण में जाने से जीवन हो जाता सफल

कोटालपोखर (साहिबगंज): बरहड़वा प्रखंड के मयुरकोला गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 04:53 PM (IST)
भगवान के शरण में जाने से जीवन हो जाता सफल
भगवान के शरण में जाने से जीवन हो जाता सफल

कोटालपोखर (साहिबगंज): बरहड़वा प्रखंड के मयुरकोला गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन लोकप्रिय कथावाचक पुष्प किशोरी जी ने अपने प्रवचन में कहा कि पृथ्वी लोक में सती अनुसुइया का चरित्र नारी धर्म का सीख देती है। उन्होंने बताई कि इस भारत देश में सती अनुसुइया, सती सावित्री सती बेहुला जैसी नारियों के गुणों का अनुकरण करना चाहिए। नारी जगत जननी है। इसलिए नारी को हमेशा अपने मान मर्यादा को भूलना नहीं चाहिए। किशोरी जी भ्रूण हत्या पर जोर देते हुए कहा कि बेटा एक कूल को रोशन करता है तो बेटियां अपने अच्छे कर्मो से अपने बाप और ससुराल दोनों कुल के नाम को रोशन करती है। इसलिए इस संसार में जितना हक व अधिकार बेटे को आने का है। उसे कहीं ज्यादा बेटियों का है। इसलिए बेटियों को गर्भ में मत मारो। श्रीमद्भागवत कथा का वर्णन कर कहा कि राजा परिक्षित को जब मालूम हुआ कि सात दिन के अंदर उनकी मृत्यु हो जाएगी, तो उन्होंने अपने गुरुदेव मुनिवर सुखदेव के पास पहुंचे और मार्गदर्शन मांगी। उन्होंने कहा कि भागवत भक्ति करनी चाहिए और भगवान के शरण में जाने से जीवन सफल हो जाता है। पुन: किशोरी जी कपिल मुनि, भक्त ध्रुव, भक्त प्रह्लाद की कथा भी वर्णन किया। नन्हे बालक कथावाचक के पुत्र नमामि गंगे के एक भजन एक दिन तेरी डोली भी निकल जाएगी, चार कंधों की सवारी मे ।को सुन उपस्थित श्रोता का मन मोह लिया।

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