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कटाव से ध्वस्त स्नान घाटों का करें निर्माण

एनपीसीसी द्वारा साहिबगंज से राजमहल के बीच बन रहे विभिन्न स्नान घाटों एवं शवदाह गृह निर्माण कार्य का निरीक्षण दिल्ली से आए दो सदस्यीय तकनीकी दल ने किया। विदित हो कि साहिबगंज से राजमहल के बीच एनपीसीसी द्वारा आठ स्नान घाट और एक शवदाह गृह बनाया जा रहा है। जिसमें चार स्नानघाट और एक शवदाहगृह बनकर तैयार है

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 06:49 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 06:49 PM (IST)
कटाव से ध्वस्त स्नान घाटों का करें निर्माण
कटाव से ध्वस्त स्नान घाटों का करें निर्माण

संवाद सहयोगी, राजमहल (साहिबगंज) एनपीसीसी द्वारा साहिबगंज से राजमहल के बीच बन रहे विभिन्न स्नान घाटों एवं शवदाह गृह निर्माण कार्य का निरीक्षण दिल्ली से आए दो सदस्यीय तकनीकी दल ने किया। विदित हो कि साहिबगंज से राजमहल के बीच एनपीसीसी द्वारा आठ स्नान घाट और एक शवदाह गृह बनाया जा रहा है। इसमें चार स्नानघाट और एक शवदाह गृह बनकर तैयार है तथा क्षेत्रवासियों द्वारा उसका उपयोग किया जा रहा है। शेष में से राजमहल स्थित कालीघाट व संगतघाट के बीच बन रहे स्नानघाट का अगला हिस्सा बाढ़ व कटाव की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो चुका है।

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दिल्ली से आए तकनीकी दल के सदस्य प्रोजेक्ट मैनेजर सुकेश प्रसाद और तकनीकी विशेषज्ञ राज गोठवाल ने विभागीय एई प्रणव प्रकाश के साथ संबंधित स्थल का निरीक्षण किया। तकनीकी विशेषज्ञ राज गोठवाल ने बताया कि यूं तो कार्य गुणवत्तायुक्त है परंतु इस वर्ष पिछले बार की तुलना में कटाव का प्रकोप अधिक होने से बाढ़ का पानी से ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ है। उन्होंने एई प्रणव प्रकाश एवं कार्य की देखरेख कर रहे कर्मियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जलस्तर के पूर्णरूप से घटने के उपरांत काफी नीचे से बोल्डर पी¨चग करने के उपरांत कार्य को पुन: संपादित किया जाए। जिससे भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति ना हो। कार्य को दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया गया।


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