कोरोना की आशंका पर परिवार को गांव से निकाला
कोरोना की आशंका पर उधवा प्रखंड की श्रीधर पंचायत के कॉलोनी नंबर 10 में रहनेवाले एक परिवार को लोगों ने गांव से निकाल दिया है। उस परिवार के सभी सदस्यों को ग्रामीणों ने मालदा जिला अस्पताल जाकर कोरोना की जांच कराने का फरमान सुनाया है। इसके बाद ग्रामीणों ने उसे नाव से गंगा पार करा दिया। उक्त परिवार इलाज कराने मालदा जिला अस्पताल गया है या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। बीडीओ राजेश एक्का ने इस प्रकार की सूचना न होने की बात कही है। उक्त परिवार के घर की ओर जाने वाले रास्ते को ग्रामीणों ने बांस बल्ले से घेर दिया है। बताया जा रहा है कि महिला पश्चिम बंगाल की निवासी है। खेती करने के लिए श्रीघर कालोनी नंबर दस में भी घर बनाया है।
संवाद सहयोगी, उधवा (साहिबगंज) : कोरोना की आशंका पर उधवा प्रखंड की श्रीधर पंचायत की कॉलोनी नंबर 10 में रहनेवाले एक परिवार को लोगों ने गांव से निकाल दिया है। उस परिवार के सभी सदस्यों को ग्रामीणों ने मालदा जिला अस्पताल जाकर कोरोना की जांच कराने का फरमान सुनाया है। इसके बाद ग्रामीणों ने उसे नाव से गंगा पार करा दिया। यह परिवार इलाज कराने मालदा जिला अस्पताल गया है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। बीडीओ राजेश एक्का ने इस प्रकार की सूचना न होने की बात कही है। इस परिवार के घर की ओर जाने वाले रास्ते को ग्रामीणों ने बांस बल्ले से घेर दिया है।
बताया जा रहा है कि महिला पश्चिम बंगाल की निवासी है। खेती करने के लिए श्रीघर कॉलोनी नंबर दस में भी घर बनाया है। इन दिनों परिवार के कुछ सदस्य यहीं रह रहे थे। कुछ दिन पहले महिला का दामाद केरल से लौटा। उसपर गांव के लोगों ने कोरोना टेस्ट कराने के लिए दबाव बनाया तो वह चोरी छिपे फरार हो गया।
इधर पहले से ही बीमार महिला की तबीयत दो दिन पहले ज्यादा खराब हो गयी। लोगों ने कोरोना की आशंका पर उसके साथ साथ उसके परिवार के चार अन्य सदस्यों को इलाज के लिए नाव से पश्चिम बंगाल के मालदा जिला अस्पताल भेज दिया। महिला को कोरोना है या नहीं ये अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन लॉकडाउन के बाद यहां केरल, महाराष्ट्र के विभिन्न कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से हजारों लोगों ने घर वापसी की है। इसमें से कुछ लोगों ने समाज तथा स्वास्थ्य सहिया द्वारा बार बार कहे जाने के बाद भी कोरोना के लिए सामान्य जांच थर्मल स्क्रीनिग भी नहीं करायी है। केरल के एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक को कोरोना होने के बाद वहां से दो दर्जन मजदूर राधानगर मियांटोली में लौटे हैं लेकिन किसी ने कोरोना टेस्ट नहीं कराया है।
कटहलबाड़ी पंचायत के खासपुरा में भी मुंबई के कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से कई लोगों ने घर वापसी की है। प्रखंड मुख्यालय से पतौड़ा पंचायत में भी दो दर्जन मजदूर केरल तथा महाराष्ट्र से लौटे हैं। उनकी भी जांच नहीं की गई है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों सहित अन्य लोगों द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने की सरकारी प्रयास को ठेंगा दिखाया जा रहा है जिससे उधवा में भी कोरोना को लेकर आम आदमी को भय सताने लगा है।