बोर्ड की बैठक में नहीं आते कार्यपालक पदाधिकारी
जागरण संवाददाता साहिबगंज नगर परिषद के अध्यक्ष श्रीनिवास यादव व उपाध्यक्ष रामानंद साह के नेतृत्व में वार्ड पार्षदों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के कार्यालय प्रकोष्ठ में उपायुक्त से मुलाकात की। इस दौरान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं होने की शिकायत की गई।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : नगर परिषद के अध्यक्ष श्रीनिवास यादव व उपाध्यक्ष रामानंद साह के नेतृत्व में वार्ड पार्षदों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के कार्यालय प्रकोष्ठ में उपायुक्त से मुलाकात की। इस दौरान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं होने की शिकायत की गई। उपायुक्त ने शिकायत को सुनने के बाद कहा कि वे 21 जनवरी को वरीय पदाधिकारी की देखरेख में बैठक कराएंगे। नगर परिषद अध्यक्ष ने बताया कि 30 दिसंबर को नगर परिषद बोर्ड की बैठक रखी गई थी। इसमें कार्यपालक पदाधिकारी नहीं पहुंचे। इसके बाद 19 जनवरी को बैठक रखी गई। इसमें भी कार्यपालक पदाधिकारी नहीं पहुंचे। नगर परिषद के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं आती हैं जिनका निदान बोर्ड की बैठक में ही हो सकता है। जबकि अनुमंडल पदाधिकारी के पास कई प्रभार रहने के कारण वे व्यस्त रहते हैं। इसपर उपायुक्त ने बताया कि एसडीओ को नगर विकास विभाग की ओर से कार्यपालक पदाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए इस संबंध में कोई भी निर्णय नगर विकास विभाग से ही होगा। उपायुक्त ने नगर परिषद के प्रतिनिधियों को बताया कि वरीय अधिकारियों से नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी एवं खासमहाल पदाधिकारी के लिए बात हुई है। जल्द ही नए पदाधिकारी की पोस्टिग होगी। डीसी ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि वे 21 जनवरी को वरीय पदाधिकारी की देखरेख में नगर परिषद बोर्ड की बैठक करायी जाएगी। रैयतों की बंदोबस्त जमीन के अधिग्रहण का विरोध
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : बड़ा जिरवाबाड़ी मौजा, गांव चानन के ग्रामीणों ने मंगलवार को उपायुक्त से मिले और सरकार की ओर से भूमिहीनों को उपलब्ध कराई गई जमीन बचाने की गुहार लगाई है।
रैयतों को बताया कि बंदोबस्त जमीन के अधिग्रहण का वे लोग विरोध कर रहे हैं। रैयत प्रदीप रजक ने बताया कि उपायुक्त ने अनुमंडल पदाधिकारी से मिलकर आवेदन देने को कहा है। उपायुक्त से मिलने पहुंचे चानन गांव मौजा बड़ा जीरवाबाड़ी के रैयतों प्रदीप रजक, मीना देवी, रीता देवी, रामा रजक, लाखो देवी, अशोक रजक, खोकिया देवी, हिरण देवी, भोलानाथ पांडे, केशी रजक सहित अन्य ने बताया कि वर्ष 1978 में बिहार सरकार की ओर से अवर प्रमंडल पदाधिकारी के आदेश पर क्षेत्रीय प्रधान की ओर से उन्हें पट्टा दिया गया है। उस वक्त मिले जमीन को सभी रैयत मिलकर जोत आबाद कर परिवार चला रहे हैं। सामूहिक रूप से वर्ष 2016 तक जमीन का लगान रसीद भी कटवाया गया है परंतु उसी जमीन को नगर परिषद की ओर से प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए मापी की जा रही है। रैयतों ने बताया कि इसका विरोध किया गया है। अधिकारियों ये यह गुहार लगाई है कि जमीन को बचाया जाएगा।