चुनाव ड्यूटी में नहीं चलेगा बीमारी बहाना
चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाने वालों के लिए बुरी खबर है। उन्हें मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होकर अपनी बीमारी बतानी होगी। मेडिकल बोर्ड यह तय करेगा कि वे काम करने लायक हैं या नहीं। जिन लोगों ने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव से अलग रखने का आवेदन दिया हैं उन्हें हर हाल में मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होना होगा। अगर वे पेश नहीं होते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्होंने चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बहाना बनाया और उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
साहिबगंज : चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाने वालों के लिए बुरी खबर है। उन्हें मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होकर अपनी बीमारी बतानी होगी। मेडिकल बोर्ड यह तय करेगा कि वे काम करने लायक हैं या नहीं। जिन लोगों ने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव से अलग रखने का आवेदन दिया हैं उन्हें हर हाल में मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होना होगा। अगर वे पेश नहीं होते हैं तो यह माना जाएगा कि उन्होंने चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बहाना बनाया और उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 27 अप्रैल को विकास भवन में मेडिकल बोर्ड बैठेगा। गौरतलब हो कि जिले में कर्मियों की काफी कमी है। इसके लिए पड़ोसी जिलों से कर्मियों की मांग की गई है। इधर, जिले के कुछ कर्मियों ने स्वास्थ्य कारणों का बहाना बनाते हुए चुनाव ड्यूटी करने में असमर्थता जताई है। इससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त संदीप सिंह ने बताया कि कुछ कर्मियों ने गंभीर बीमारी अथवा दिव्यांगता के आधार पर चुनाव कार्य से विमुक्ति के लिए आवेदन दिया है परंतु उन कर्मियों के बीमारी के कारण कार्य का निर्वहन नहीं करने पाने के संबंध में उनके नियंत्री पदाधिकारी द्वारा पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई है। सभी कर्मी अपने विभागीय कार्यो का निष्पादन नियमित तौर पर कर रहे हैं। ऐसे मतदान पदाधिकारियों की चिकित्सीय जांच का निर्णय लिया गया है। विभागीय नियमों के अनुसार नियमित अस्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य कारणों से सेवा मुक्त करने का प्रावधान है। उपविकास आयुक्त नैंसी सहाय की देखरेख में 27 अप्रैल को सुबह दस बजे से विकास भवन में बीमारी अथवा दिव्यांगता के आधार पर निर्वाचन कार्य से विमुक्ति के लिए आवेदन देने वाले मतदान कर्मियों के लिए मेडिकल बोर्ड द्वारा चिकित्सकीय जांच की जाएगी। जिला निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार निर्वाचन कार्य से विमुक्ति के लिए आवेदन देने वाले मतदान पदाधिकारी मेडिकल बोर्ड के समक्ष निर्धारित तिथि को जांच के लिए उपस्थित रहें अन्यथा उनके आवेदन पर कोई सुनवाई नहीं होगी तथा उनके विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।