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जिले में लगातार बढ़ रहा टीबी से मौत का आंकड़ा

साहिबगंज झारखंड के साहिबगंज जिले में टीबी मरीजों की संख्या व उससे होनेवाले मौत की संख्या

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 07:12 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 06:10 AM (IST)
जिले में लगातार बढ़ रहा टीबी से मौत का आंकड़ा
जिले में लगातार बढ़ रहा टीबी से मौत का आंकड़ा

साहिबगंज : झारखंड के साहिबगंज जिले में टीबी मरीजों की संख्या व उससे होनेवाले मौत की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2016 में 23 लोगों की मौत टीबी से हुई थी। 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 24 हो गई। 2018 में 32 तो 2019 में 70 लोगों की मौत हुई है। इस वर्ष अब तक एक भी मरीज की मौत रिकार्ड नहीं की गई है। इसकी रोकथाम के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

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विभाग का कहना है कि मौत तो पहले भी होती थी लेकिन हाल के कुछ वर्षों में स्वास्थ्यकर्मियों की पहुंच आमलोगों तक बढ़ी है। एक-एक मामला रिकार्ड किया जा रहा है। इस वजह से यह संख्या अधिक दिख रही है। टीबी मरीजों को पोषण उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने एक अप्रैल को निक्षय पोषण योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत टीबी मरीजों को पांच सौ रुपया प्रतिमाह देने का प्रावधान है। इलाज की अवधि छह माह से लेकर एक साल तक है। इसके तहत टीबी मरीजों को इलाज शुरू होते ही एक हजार रुपये दे देना है। इसके अलावा पांच सौ रुपया प्रतिमाह देने का प्रावधान है। ट्राइबल सपोर्ट स्कीम के तहत टीबी मरीजों को अपने एक परिजन के साथ सरकारी संस्थान में टीबी की जांच के लिए आने-जाने पर ट्रेवेल सपोर्ट के लिए एकमुश्त 750 रुपया अलग से दिया जाता है।

निजी चिकित्सकों को जानकारी देना अनिवार्य : टीबी का इलाज सरकारी व निजी दोनों प्रकार के चिकित्सकों के यहां उपलब्ध है। कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने निजी चिकित्सकों को उनके यहां आनेवाले टीबी मरीजों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य कर दिया। इसका उद्देश्य सभी मरीजों को सरकारी सहायता उपलब्ध कराना तथा मरीजों को रिकार्ड में लाना था। निजी चिकित्सकों को विभाग को सूचना देने पर प्रति मरीज 500 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। अगर चिकित्सक चाहें तो विभाग उन्हें दवा भी मरीजों के लिए उपलब्ध कराता है। निजी चिकित्सकों के यहां इलाज कराने वाले मरीजों को भी सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाती है। निजी चिकित्सकों का आंकड़ा एकत्र करने के लिए सरकार ने अलर्ट इंडिया नामक एक एनजीओ के साथ अनुबंध किया है।

साहिबगंज में इन जगहों पर होती टीबी की जांच : सदर अस्पताल साहिबगंज, साहिबगंज शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मंडरो अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, मिर्जाचौकी अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, राजमहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राजमहल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तीनपहाड़ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बरहेट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फूलभंगा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, प्रेम ज्योति कम्युनिटी हॉस्पिटल, बरहड़वा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोटालपोखर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, बोरियो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बांझी अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, पतना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेसो अस्पताल केंदुआ, तालझारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उधवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। एक नजर में टीबी रोगियों की संख्या

साल टीबी मरीज रोगमुक्त मौत

2016 1857 1658 23

2017 2279 2036 24

2018 3442 3181 32

2019 3301 2256 70

2020 743 0000 00

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पहले बीमारी व मौत के आंकड़े रिकार्ड में नहीं आ पाते थे। अब लोगों में जागरूकता बढ़ी है। लोग इलाज कराने के लिए अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इसलिए ये आंकड़े अधिक दिख रहे हैं।

डॉ. डीएन सिंह, सिविल सर्जन, साहिबगंज


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