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गंगा की गोद में चल रही पत्थर कारोबारियों की मनमानी

साहिबगंज: सालों पहले से साहिबगंज और मनिहारी के बीच गंगा की गोद में पत्थर कारोबारियों की मनमानी चल रह

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 06:01 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 06:01 PM (IST)
गंगा की गोद में चल रही पत्थर कारोबारियों की मनमानी
गंगा की गोद में चल रही पत्थर कारोबारियों की मनमानी

साहिबगंज: सालों पहले से साहिबगंज और मनिहारी के बीच गंगा की गोद में पत्थर कारोबारियों की मनमानी चल रही है। सकरीगली के समदा घाट पर मालवाहक जहाज में लदी हाइवा के गंगा में समाने के बाद मनमानी फिर सामने आ गई है। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से स्वच्छ गंगा व निर्मल गंगा के सपने पर पानी फेरने का काम बदस्तूर चल रहा है। घाटों का साफ सुथरा रखने के लिए गंगा ग्राम बनाया जा रहा है। लोगों को जागरुक किया जा रहा है। पर राजमहल की पहाड़ियों को वैध अवैध तरीके से खोदकर पत्थर निकालने वाले गंगा पार ट्रकों को भेजने में नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। गंगा किनारे नाव से पहले बिना कागज के हजारों टन पत्थर, चिप्स एवं स्टोन मैटेरियल भेजा जा रहा है। पानी जहाज पर भी पत्थर कारोबारी मनमाने तरीके से पत्थर लोड भेज रहे हैं। दो सालों तक झारखंड के साहिबगंज जिले से अंतराज्यीय साहिबगंज-मनिहारी फेरी सेवा की वंदोवस्ती नाव यातायात समिति को करने के बाद दो साल किसी प्रकार गुजर गया। परंतु जब से बिहार के कटिहार जिला प्रशासन की ओर से मनिहारी- साहिबगंज फेरी सेवा की वंदोबस्ती की गई है। अवैध कारोबार बढ़ता जा रहा है। जिला टास्क फोर्स की ओर से नाव से अवैध कारोबार को बंद करने के लिए कार्रवाई करने पर समदा से मदनशाही तक इसपर लगाम लगा परंतु दूसरे स्थान से अवैध तरीके से नाव का परिचालन प्रारंभ हो गया है। इससे प्रशासन को सालाना करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति भी हो रही है।

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अंग्रेजों के जमाने से अंतराज्यीय साहिबगंज-मनिहारी फेरी सेवा

झारखंड के साहिबगंज से बिहार के मनिहारी के बीच अंतराज्यीय साहिबगंज-मनिहारी फेरी सेवा की शुरुआत अंग्रेजों के जमाने में की गई थी। अंतराज्यीय साहिबगंज-मनिहारी फेरी सेवा की वंदोबस्ती तभी से हो रही है। ज्यादातर बच्चा ¨सह का पानी जहाज गंगा में चलता था। परंतु जब से उनकी वंदोवस्ती के स्थान पर नाव चलाने वाली समिति को पानी जहाज चलाने का ठेका दे दिया गया है तभी से यात्रियों की जान पर जोखिम का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। पहले साहिबगंज के फेरी घाट से जहाज चलते थे परंतु गंगा का पानी घटने के बाद इसे समदा से संचालित किया जाने लगा है। इस समय एलसीटी का परिचालन समय पर नहीं होने और यात्रियों की परेशानी की शिकायत आम हो गई है। फेरी सेवा में यात्रियों की सुविधा का ख्याल कम माल ढोने का ख्याल ज्यादा रखा जा रहा है। अब तो मजबूरी में ही लोग गंगा पार करते हैं। यही वजह है कि तकरीबन सभी राजनैतिक दल भी गंगा पुल का काम जल्द शुरु करने की मांग करने लगे हैं।

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पानी घटने से बढ़ी गंगा पार करने वाले यात्रियों की परेशानी

साहिबगंज से मनिहारी के लिए आवागमन में गंगा का पानी घटना भी कारण बनता जा रहा है। इसका लाभ भी पत्थर कारोबारी बखूबी उठा रहे हैं। प्रशासन की लचर व्यवस्था भी इसके लिए कम जिम्मेवार नहीं है। प्रशासन यात्रियों के हितों को ध्यान में रखकर नहीं व्यवसायियों के हितों को ध्यान में रखकर फेरी सेवा संचालन की व्याख्या करता रहता है। जानकार बताते हैं कि माल भाड़ा का निर्धारण जितना किया जाता है। एलसीटी के संचालक उससे ज्यादा राशि वाहन चालकों से वसूलते हैं। अब तो यातायात समिति के नाम पर ठेका लेकर एलसीटी संचालन का काम बड़े बड़े पत्थर कारोबारी अपनी देखरेख में करा रहे हैं। गंगा किनारे जितने खुट्टा गड़ाई घाट हैं उसमें भी यात्री कम पत्थर ज्यादा ढोने का काम होता है।

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कोट

अंतराज्यीय साहिबगंज-मनिहारी फेरी सेवा के संचालन की देखरेख का कार्य दो सालों तक कटिहार जिला प्रशासन की देखरेख में होना है। साहिबगंज जिला प्रशासन की ओर से सहयोग किया जा रहा है। जो भी वंदोवस्ती की गई है वह कटिहार प्रशासन की ओर से की गई है। साहिबगंज के गंगा घाटों पर जिला टास्क फोर्स की ओर से बीच बीच में छापेमारी की जाती है।

अनमोल कुमार ¨सह

अपर उपायुक्त, साहिबगंज


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