गंगा तट पर दरार से ग्रामीण दहशत में, एक दर्जन घरों को गंगा में समाने का खतरा
Ganga coast. गंगा तट पर करीब एक हजार फीट की दूरी तक जमीन में दरार आने से स्थानीय ग्रामीण भयभीत हैं।
संवाद सहयोगी, तालझारी (साहिबगंज)। राजमहल प्रखंड अंतर्गत मोकिमपुर पंचायत के कमलैन बगीचा (कन्हैयास्थान) एक गजल परिवार परगांव के समीप गंगा तट पर करीब एक हजार फीट की दूरी तक जमीन में दरार आने से स्थानीय ग्रामीण एक बार फिर गंगा कटाव तेज होने की संभावना से भयभीत हैं।
गंगा तट के निवासी दिनेश मंडल, विनोद मंडल, गोराचंद मंडल, राजेश मंडल, बिफोल मंडल, विमोल मंडल, रामदेव मंडल, हरि प्रसाद मंडल सहित अन्य ने बताया कि उन लोगों का घर मुख्य सड़क से सटे गंगा तट पर है। सैदपुर व मोकिमपुर पंचायत के गंगा किनारे सिमाना के पास से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र कमलैन बगीचा तक करीब एक हजार फीट की दूरी से जमीन में दरार आई है। पिछले दो दिन पूर्व यहां हल्की दरार आई थी, जिसे ग्रामीण समझ नहीं सके लेकिन यह दरार धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इससे यह आशंका है कि जहां तक जमीन पर दरारें आई है, वहां तक की जमीन कभी भी गंगा में समा सकती है। घर में रहने पर जान-माल पर खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इसकी भौगोलिक व जमीनी स्थिति की जांच कर भूमि को गंगा कटाव में समाने से रोकने की अपील की है।
यहां पहले हुआ था कटाव निरोधक कार्य
जिस जगह पर भूमि में दरारें आई है, वहां गंगा कटाव पूर्व में भी होती थी जिसे देखते हुए करीब चार-पांच साल पूर्व गंगा पंप नहर की ओर से कटाव निरोधक का काम किया गया है। इससे कटाव नहीं होता था। चूंकि जमीन के अंदर दलदल मिट्टी होने की बात सामने आ रही है। इसलिए संभवतः गंगा तट पर कटाव निरोधक कार्य में डाले गए हजारों बोल्डर के दवाब के चलते मिट्टी दबने लगी है और अब काफी दूर से जमीन में दरारें आई है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि जमीन में दरार आने से इलाके का एक दर्जन घर गंगा में समा जाएंगे, इसकी चिंता उन लोगों को सता रही है।
राजमहल-साहिबगंज मुख्य सड़क पर कटाव का खतरा
जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली राजमहल-साहिबगंज एनएच 80 मुख्य सड़क पर गंगा कटाव का खतरा बढ़ गया है। गोराचांद मंडल एवं रामदेव मंडल के घर के पास इस मुख्य सड़क से मात्र 10 फिट की दूरी से जमीन में दरारें आई हैं। यदि जमीन पर आई दरार की जगह से भूमि गंगा में समाती है तो राजमहल-साहिबगंज मुख्य सड़क बाधित हो जाएगी। सड़क पर मंडरा रहे गंगा कटाव के खतरे को समय रहते यदि जिला प्रशासन गंभीरता से नहीं लिया तो दर्जनों घर गंगा में समाएंगे ही। साथ ही, राजमहल से जिला मुख्यालय साहिबगंज जाने के लिए सड़क मार्ग भी बंद हो जाएगा।
जानें, क्या कहते हैं भू -वैज्ञानिक
भू-वैज्ञानिक डॉ रंजीत सिंह ने कहा कि इलाके में भूकंप की कोई संभावना नहीं है, ऐसे में उस इलाके में किए गए गंगा कटाव रोधक कार्य में तकनीकी भूल के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है। आमतौर पर गंगा कटाव रोधी कार्य करने से पूर्व उस इलाके में विशेषज्ञ भू- वैज्ञानिकों से भू वैज्ञानिक तकनीकी अध्ययन कार्य करानी चाहिए, लेकिन लगता है कि वहां ऐसा नहीं हुआ है, जिससे निर्माण में हुई तकनीकी भूल के चलते जमीन के नीचे के किसी बिंदु पर बोल्डर का अत्याधिक भार पड़ने से गंगा की मिट्टी के निचले भाग में खिंचाव हुआ और जमीन के ऊपरी भाग में दरारें पड़ी है, भविष्य में यह दरारे और भी बढ़ सकती है।