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जमीन के पेच में फंसा एनएच 80 का निर्माण

कक जिले की लाइफ लाइन एनएच

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 11:00 AM (IST)
जमीन के पेच में फंसा एनएच 80 का निर्माण
जमीन के पेच में फंसा एनएच 80 का निर्माण

साहिबगंज : साहिबगंज जिले की लाइफ लाइन एनएच 80 (मोकामा-फरक्का) का निर्माण जमीन के पेच में फंस गया है। जमीन नहीं मिलने की वजह से टेंडर होने के बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। यही स्थिति रही तो नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) इस प्रोजेक्ट को बंद भी कर सकती है। बता दें कि साहिबगंज में 875 करोड़ रुपये से करीब 40 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होना है। एनएचएआइ को इस सड़क का निर्माण कराना है। तीन चरणों में काम होगा। पहले फेज में तालझारी प्रखंड के बांसकोला से उधवा प्रखंड के केलाबाड़ी तक कुल 40 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है। इस सड़क के निर्माण के लिए व्यापक पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की भी जरूरत थी। इसके मद्देनजर एनएसएआइ ने 11 अक्टूबर 2018 को ही 91 करोड़ रुपये डीएलओ के खाते में भेज दिया लेकिन अब तक मात्र 2.7 करोड़ रुपये का ही वितरण हुआ है। रैयत अपनी जमीन का मुआवजा लेने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। रैयतों को दो बार नोटिस भेजा जा चुका है। वैसे सड़क सहित लोकहित की परियोजनाओं के लिए दो बार नोटिस देने के बाद जमीन अधिग्रहण का प्रावधान है लेकिन जिला प्रशासन भी रैयतों का इंतजार कर रहा है। इधर, भूमि अधिग्रहण के बाद अक्टूबर 2019 में पहले फेज का टेंडर भी हो गया। टेंडर रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला। अब ठेकेदार काम करने के लिए एनएचएआइ से जमीन की मांग कर रहा है। पूर्व में पूरी जमीन मिले बिना भी काम शुरू हो जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। 40 किलोमीटर सड़क का टेंडर हुआ है। 32 किलोमीटर लंबाई में जमीन का अधिग्रहण होने के बाद ही काम भी शुरू हो सकता है। अगर समय पर काम शुरू नहीं हुआ तो कंस्ट्रक्शन कंपनी एनएचएआइ से क्षतिपूर्ति की भी मांग कर सकता है। यह स्थिति आने पर समस्या बढ़ जाएगी।

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तीन फेज में होना है निर्माण : जिले में एनएच 80 का निर्माण तीन फेज में होना है। पहले फेज में बांसकोला से केलाबाड़ी, दूसरे फेज में मिर्जाचौकी से बांसकोला तथा तीसरे फेज में केलाबाड़ी से फरक्का तक बननी है। चूंकि बांसकोला से केलाबाड़ी तक जमीन आसानी से उपलब्ध हो जाने की बात थी। इसलिए पहले फेज में इसका टेंडर भी कर दिया गया। पहले फेज का काम शुरू होने के बाद ही दूसरे फेज का टेंडर होगा। ऐसे में पहले फेज के सड़क के निर्माण में विलंब होने से अन्य फेज के काम में और ज्यादा विलंब होने की आशंका है। वैसे भी दूसरे व तीसरे फेज में भूमि अधिग्रहण में ज्यादा समस्या होगी क्योंकि पहले फेज में कुल 53 मौजा की जमीन ली जा रही है। इनमें आठ मौजा पूरी तरह खाली है। दूसरे व तीसरे फेज में जिन इलाकों में सड़क का निर्माण होना है वहां आबादी ज्यादा है।

एनएचएआइ के अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र : जमीन न मिलने की वजह से सड़क का निर्माण न होने की बात एनएचएआइ के वरीय अधिकारियों तक पहुंच चुकी है। पिछले माह एनएचएआइ के चेयरमैन सुखविदर सिंह संधु ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर मामले की जानकारी दी थी तथा भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया था। विधानसभा चुनाव की वजह से मामले में बहुत ज्यादा प्रगति नहीं हो सकी है।

जामनगर के लोग कर रहे रूट डायवर्ट करने की मांग : राजमहल प्रखंड के जामनगर गांव के लोग एनएच के रूट को डायवर्ट करने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों चुनावी दौरे पर यहां पहुंचे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी लोगों ने यह मांग की थी। हालांकि एनएसएआइ सूत्रों की मानें तो चूंकि डीपीआर बन चुका है। इस स्थिति में अब रूट डायवर्ट करना संभव नहीं है।

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वर्जन :::

जमीन अधिग्रहण में विलंब होने की वजह से एनएच 80 का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। मुआवजा के लिए जिला प्रशासन को राशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। काम भी संवेदक को आवंटित किया जा चुका है। उपायुक्त से इस संबंध में बात हुई है। उन्होंने शीघ्र ही इस संबंध में पहल करने का आश्वासन दिया है।

आरबी झा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएसएआइ, साहिबगंज


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