एजीपी कटौती के विरोध में कॉलेज शिक्षकों ने लगाया काला बिल्ला
सरकार द्वारा एजीपी कटौती के विरोध में शनिवार को प्रो.सफीक अहमद के नेतृत्व सभी शिक्षकों ने काला बिल्ला लगा कर अपने-अपने कार्य किया। प्रो. सफीक अहमद ने बताया कि यह सांकेतिक विरोध है। एजीपी कटौती के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा। आंदोलन के दूसरे चरण की रणनीति तैयारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि सरकार वर्षों से
साहिबगंज: सरकार द्वारा एजीपी कटौती के विरोध में शनिवार को प्रो.सफीक अहमद की अगुवाई में साहिबगंज कॉलेज के शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर कार्य किया। प्रो. सफीक अहमद ने बताया कि यह सांकेतिक विरोध है। एजीपी कटौती के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन के दूसरे चरण की रणनीति तैयारी की जाएगी। बताया कि सरकार वर्षों से शिक्षकों की बहाली नहीं कर रही है। कई विभागों में एक भी शिक्षक नहीं है, जो शिक्षक कार्यरत है उन्हें वर्षों से प्रोन्नति नहीं दी हा रही है। अविभक्त बिहार में एक ही पैनल से 1996 में नियुक्त व्याख्याता प्रमोशन पाकर बिहार में प्रोफेसर हो गए हैं और झारखंड में अबतक असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर ही कार्यरत है। 2008 में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को पिछले पांच साल से मिल रहे सात हजार रुपये एजीपी को घटकर छह हजार रुपये तथा 1996 में नियुक्त शिक्षकों का एजीपी आठ हजार रुपये से काटकर सात हजार रुपये कर देने का फरमान शिक्षा सचिव द्वारा जारी किया गया है। अभी 2008 में नियुक्त शिक्षकों को आठ हजार रुपये एजीपी मिलना चाहिए था। बिहार एवं अन्य राज्यों में पीएचडी का पांच इंक्रीमेंट के साथ-साथ पुरानी पेंशन व्यवस्था भी लागू कर दी गई है।
बताया कि झारखंड सरकार कुछ न कुछ बहाना बनाकर यह सुविधा न देकर कुंभकर्णी निद्रा में सो रही है। मौके पर प्रो.सैयद राजा इमाम रिजवी, डॉ. राधा ¨सह, डॉ. मीरा चौधरी, डॉ. ध्रुवज्योति कुमार ¨सह, राजीव कुमार ¨सह, डॉ. संजीव कुमार ¨सह, डॉ. प्रमोद कुमार दास, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अजय कांत, डॉ. रणजीत कुमार ¨सह, डॉ. यशराज ¨सह आदि शामिल थे।