प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मुख्यमंत्री का नाम मालूम नहीं
जागरण संवाददाता साहिबगंज सुबह के 9.30 बजे हैं। तालझारी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय झिकरा हरिणकोल के परिसर में स्थित चापाकल पर कुछ बच्चे पानी भर रहे हैं। कुछ बच्चे बरामदे में खेल रहे हैं। एक कमरे में मौजूद पारा शिक्षक प्रदीप कुमार साह कुछ लिख रहे हैं। वर्ग कक्ष की ओर हमें आते देख वे बाहर निकल आते हैं। शिक्षकों के बारे में पूछने पर कहते हैं कि यहां कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई होती है। वर्तमान में सभी कक्षा मिलाकर कुल 59 बच्चे नामांकित हैं जिनमें से 40 से 50 तक उपस्थिति होती है। दो शिक्षक पदस्थापित हैं।
साहिबगंज : सुबह के 9.30 बजे हैं। तालझारी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय झिकरा हरिणकोल के परिसर में स्थित चापाकल पर कुछ बच्चे पानी भर रहे हैं। कुछ बच्चे बरामदे में खेल रहे हैं। एक कमरे में मौजूद पारा शिक्षक प्रदीप कुमार साह कुछ लिख रहे हैं। वर्ग कक्ष की ओर हमें आते देख वे बाहर निकल आते हैं। शिक्षकों के बारे में पूछने पर कहते हैं कि यहां कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई होती है। वर्तमान में सभी कक्षा मिलाकर कुल 59 बच्चे नामांकित हैं जिनमें से 40 से 50 तक उपस्थिति होती है। दो शिक्षक पदस्थापित हैं। प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार चौधरी चुनाव के प्रशिक्षण के लिए साहिबगंज गए हुए हैं। स्कूल के संचालन का समय पूछे जाने वे कहते हैं कि सुबह नौ बजे से तीन बजे तक चलता है। अब तक पढ़ाई शुरू न होने पर वे कहते हैं कि कुछ बच्चे आ रहे हैं। वे कागजात को दुरुस्त कर रहे थे। तुरंत वे बच्चों को कतार में लगकर प्रार्थना शुरू करने को कहते हैं। बच्चे तुरंत कतारबद्ध हो जाते हैं और तुम ही राम हो तुम ही रहीम..शुरू हो जाते हैं। प्रार्थना समाप्त होने के बाद सभी बच्चे राष्ट्रगान भी गाते हैं। राष्ट्रगान समाप्ति के बाद बच्चों की गिनती शुरू होती है तब तक कुछ और बच्चे आ जाते हैं। यह संख्या बढ़कर 40 पर पहुंच जाती है। वे पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को एक कमरे व बाकी सभी को दूसरे कमरे में बैठने को कहते हैं। बच्चे उनके आदेश का पालन करते हैं। इसी दौरान मैंने कक्षा चार के छात्र राम मोहली से देश के प्रधानमंत्री का नाम पूछा। वह तपाक से कहता है-नरेंद्र मोदी। हालांकि वह राज्य के मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता सका। स्कूल में मध्याह्न भोजन मिलता है या नहीं वह हां में जवाब देता है। कल क्या मिला था- वह यह नहीं बता पाया। उसने बताया कि वह दो दिनों से स्कूल नहीं आ रहा था। सोमवार को आया था तो चावल, दाल व आलू उसे खाने को मिला था। जितेंद्र कुमार राय भी खाना मिलने की बात स्वीकार करता है हालांकि उस समय तक खाना बनाने वाली रसोइया स्कूल में नहीं पहुंची थी। किचन में ताला लटका हुआ था। प्रदीप कुमार साह ने बताया कि रसोइया 11 बजे तक आएगी। एक बजे तक खाना बनेगा। इस स्कूल में करीब आठ कमरे हैं लेकिन बच्चों व शिक्षकों की कमी से दो में ही पढ़ाई होती है। बाकी कमरे बंद रहते हैं। पिछले दिनों युक्तिकरण किया गया था। इसी क्रम में यहां के दो शिक्षकों का स्थानांतरण अन्य स्कूल में कर दिया गया।